यह पर्व फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि आमलकी एकादशी कब है और इस दिन कौन से उपाय करने चाहिए?
इस पर्व की शुरुआत 20 मार्च को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से होगी। इसका समापन 21 मार्च को दोपहर 02 बजकर 22 मिनट पर होगा।
आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से कार्य क्षेत्र में आ रही परेशानी दूर होने लगेगी।
अगर आपके वैवाहिक जीवन में क्लेश बढ़ गया है तो आमलकी एकादशी के दिन मां तुलसी की पूजा करें। ऐसा करने क्लेश दूर होने लगता है।
अगर आप धन से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आमलकी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। इससे आर्थिक तंगी दूर होने लगती है।
आमलकी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ ही पेड़ की परिक्रमा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
आमलकी एकादशी पर दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन गरीब या जरूरतमंद लोगों को भोजन करना चाहिए। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
साल-भर पड़ने वाले त्योहार और विशेष तिथियों के बारे में जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ