ज्योतिष पंचांग के अनुसार अग्नि पंचक 29 नवंबर 2022, मंगलवार को शाम को 07 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन पांच दिन बाद 4 दिसंबर 2022, रविवार को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा।
ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि पंचक के दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य को शुरू नहीं करना चाहिए। ऐसा क्योंकि इस दौरान किए गए कार्यों पर अशुभ प्रभाव पड़ता है।
लेकिन शास्त्रों में इसके अशुभ प्रभाव से बचने के भी कई उपाय बताए हैं।
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पंचक के दौरान लकड़ियों की खरीदारी पर मनाही है। लेकिन किसी कारण से व्यक्ति को ऐसा करना पड़ रहा है तो वह गायत्री हवन के बाद यह कार्य कर सकता है।
पंचक काल में दक्षिण दिशा में यात्रा करना वर्जित है, ऐसा अगर किसी कारण से करना पड़े तो पहले हनुमान जी के मन्दिर में बजरंगबली को 5 फल का भोग अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
पंचक काल में ईंधन से सम्बन्धित चीजों की खरीदारी की भी मनाही है। लेकिन इस दौरान किसी कारणवश ऐसा करना पड़े तो पहले शिव मन्दिर में तेल का उपयोग कर पंचमुखी दीपक जलाएं। फिर यह कार्य करें।
पंचक काल में छत डालने की भी मनाही है। लेकिन निर्माण कार्य शुरू हो गया है और यह कार्य आवश्यक है तो इससे पहले निर्माण कार्य में जुटे मजदूरों को भोजन कराएं या उन्हें मिठाई खिला दें।