बचपन की कई ऐसी चीज़ें हैं, जिनसे हम रोज़ रूबरू होते थे, लेकिन आज वह हमारी ज़िंदगी से जा चुकी हैं। ये ऐसी चीज़ें हैं जो अब हमारे किसी काम नहीं आतीं।
'लेटर लिखना', इससे आपकी कितनी खट्टी-मिट्ठी यादें जुड़ी होंगी। स्कूल या कॉलेज के दिनों में इसका काफी चलन था। किसी से प्यार का इजहार करना हो, तो इसमें लेटर का विशेष महत्व होता था।
लोग टेलीग्राम के जरिए भी अपना संदेश पहुंचाते थे। इसके लिए सांकेतिक कोड का प्रयोग किया जाता था। यह आमतौर पर एमर्जेंसी के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
किसी दूसरे शहर से पैसे भिजवाने के लिए। जो लोग घर से दूर काम करते थे, उनके लिए मनी ऑर्डर एक बड़ी सुविधा थी।
कुछ साल पहले तक फैक्स मशीन बड़े काम की चीज़ थी। डॉक्यूमेंट्स का एक जगह से दूसरी जगह मिनटों में पहुंच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था।
पेजर ज़रूरी मैसेज भेजने के काम आता था। जिन लोगों के पास पेजर होते थे, आप लैंडलाइन से उन तक मैसेज भिजवा सकते थे।
90s के ज़माने में भारत में मोबाइल नहीं पहुंचा था, उस समय घर पर टेलीफोन ज़रूर होते थे, लेकिन अगर आपको रास्ते से किसी को कॉल करना हो, तो उसके लिए फोन बूथ तलाशना होता था।