अनियमितताओं पर जिपं सदस्यों ने खोला मोर्चा
जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं और धरातल पर कोई कार्य न करने के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को जिला पंचायत सदस्य कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला पंचायत उत्तरकाशी में वित्तीय अनियमितताओं और धरातल पर कोई कार्य न करने के मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को जिला पंचायत सदस्य कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए।
धरनास्थल पर आयोजित सभा में जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपित साक्ष्य मिटाने के लिए लीपापोती कर रहे हैं। जबकि मंडलायुक्त स्तर से हुई जांच में धरातल पर एक भी कार्य नहीं मिले हैं। इस जांच के बाद पंचायतीराज सचिव स्तर से जांच के आदेश हुए तो भ्रष्टाचार करने वाले लीपापोती में जुट गए।
जिला पंचायत सदस्य एवं भटवाड़ी ब्लाक के पूर्व प्रमुख चंदन पंवार ने कहा कि उत्तरकाशी जिला पंचायत में नवंबर माह में भ्रष्टाचार की जांच हुई थी। इस जांच में राज्य वित्त व अन्य मदों के निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता की पुष्टि हुई। जमीनी स्तर पर कुछ नहीं मिला। पंचायत प्रतिनिधियों ने लिखित रूप में दिया कि धरातल पर कुछ नहीं हुआ। भ्रष्टाचार के आरोपितों ने धन, बल, छल कपट से जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया। फिर जांच के आदेश हुए हैं। लेकिन, आरोपित लीपापोती करने में जुटे हैं। इसलिए उनकी मांग है कि जांच निष्पक्ष ढंग से जल्द से जल्द पूरी की जाए।
जिला पंचायत सदस्य पवन पंवार और दलवीर चंद ने कहा कि नवंबर 2019 से लेकर अभी तक जिला पंचायत ने जो कार्य किए हैं, वे धरातल पर नहीं हैं, सिर्फ कागजों में कार्य दर्शाए गए हैं और सरकारी धन का गबन किया गया है। जिला पंचायत सदस्य आनंद सिंह राणा ने कहा कि कोरोना काल में यात्राकाल के दौरान जिला पंचायत ने फर्जी दैनिक मजदूरों का करोड़ों का भुगतान किया है। इसकी भी निष्पक्ष रूप से जांच की जानी चाहिए। धरना देने वाले जिला पंचायत सदस्यों में सरिता चौहान, मीनू रावत कुंवर, अरुण सिंह रावत, अनिता रावत आदि शामिल थे। वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि मामले की जांच चल रही है, जिसे पूरी होने में एक सप्ताह का समय लगेगा।