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धरातल के बजाय कागजों में किए 32 लाख के कार्य

जिला पंचायत में अनियमितताओं की जांच पूरी हो चुकी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 06:02 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 09:46 PM (IST)
धरातल के बजाय कागजों  में किए 32 लाख के कार्य
धरातल के बजाय कागजों में किए 32 लाख के कार्य

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जिला पंचायत में अनियमितताओं की जांच पूरी हो चुकी हैं। यह जांच दो दिनों के अंतराल में गढ़वाल आयुक्त और शासन को भेजी जाएगी। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने इसकी पुष्टि की। इसी बीच नाल्ड कठुड़ पट्टी के जिला पंचायत सदस्य चंदन पंवार ने अपने वार्ड में जिला पंचायत की ओर से की गई अनियमितताओं का खुलासा किया तथा एसआइटी जांच की वकालत की।

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जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा नेता चंदन पंवार ने कहा कि उनके वार्ड में जिला पंचायत उत्तरकाशी की ओर से 32 लाख के कार्य होने बताए गए हैं। जिला पंचायत से इनकी धनराशि भी निकाली जा चुकी है। लेकिन, एक भी कार्य धरातल पर नहीं हैं। जहां संपर्क मार्ग संभव ही नहीं है वहां कागजों में संपर्क मार्ग दिखाए गए हैं। उनके वार्ड में पड़ने वाली सौरा न्याय पंचायत में जखोल से छानी और गोरसाली से छानी तक तक संपर्क मार्ग दिखाया गया है। न्याय पंचायत क्षेत्र में जखोल, गौरशाली और छानी नाम की कोई तोक नहीं है। पिलंग से सालंग तक संपर्क मार्ग की मरम्मत का कार्य होना दर्शाया गया है। लेकिन, दोनों गांवों के बीच में 10 से 15 किलोमीटर लंबा वन क्षेत्र है। संपर्क मार्ग बनाना भी संभव नहीं है। सालू गांव से भटवाड़ी बस्ती और सालू से भटवाड़ी तक भी संपर्क मार्ग के दो कार्य दर्शाए गए हैं। जबकि भटवाड़ी से सालू के बीच 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी है और जिसमें आठ किलोमीटर सड़क मार्ग है। संपर्क मार्ग न तो बना है और न ही संपर्क मार्ग का कोई औचित्य है। चंदन पंवार ने कहा कि भेला टिपरी से जौड़ाव तक संपर्क मार्ग, जामक से कामर संपर्क मार्ग, सौरा तक संपर्क मार्ग सहित अन्य कार्य धरातल पर नहीं हैं। इन कार्यों की जांच भी जो चुकी है। इस अनियमितता और महाभ्रष्टाचार के लिए जो भी जिम्मेदार हैं उनसे वसूली की जानी चाहिए। साथ ही सख्त कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार केवल उनके वार्ड में नहीं हुआ है, बल्कि पूरे जनपद में इसी तरह का भ्रष्टाचार किया गया है। जिला पंचायत में अन्य वित्तीय अनियमितताओं की कई जांच ऐसी हैं जो अभी तक नहीं हुई हैं। जिला पंचायत उत्तरकाशी की एसआइटी जांच होनी चाहिए।


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