उत्तरकाशी से देहरादून की दूरी कम करने वाली सड़क पर जोखिम भरा है सफर
सीमांत जनपद उत्तरकाशी के लिहाज से महत्वपूर्ण नगुण-सुवाखोली मार्ग से देहरादून की दूरी 70 किलोमीटर तो कम होती है, लेकिन इस सड़क पर यात्रा करना जान को जोखिम में डालना है।
उत्तरकाशी, जेएनएन। सीमांत जनपद उत्तरकाशी के लिहाज से महत्वपूर्ण नगुण-सुवाखोली मार्ग संकरा होने के चलते मुसीबत का सबब बना हुआ है। यह मार्ग न केवल उत्तरकाशी जिले को देहरादून से जोड़ता है, बल्कि उत्तरकाशी और देहरादून के बीच दूरी भी कम करता है। इसके बावजूद मार्ग के चौड़ीकरण के लिए अभी धरातल पर कोई भी कवायद नहीं हो रही है। इससे इस सड़क पर वाहन चालकों की जान जोखिम में रहती है।
उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के बीच की लाइफलाइन कहा जाने वाला नगुण-सुवाखोली मोटर मार्ग लोनिवि थत्यूड़ के अंतर्गत आता है। यह मार्ग लोनिवि ने थत्यूड़ ब्लॉक के गांवों को जोड़ने के लिए बनाया था। वर्ष 2010 से इस मार्ग का उपयोग उत्तरकाशी से देहरादून जाने के लिए किया जाने लगा।
इससे पहले उत्तरकाशी के लोगों को देहरादून जाने के लिए 210 किलोमीटर लंबे मार्ग चंबा-ऋषिकेश होकर पहुंचना पड़ता था। इस मार्ग से उत्तरकाशी से देहरादून की दूरी 70 किलोमीटर कम हुई। बावजूद इसके सड़क की चौड़ाई काफी कम है।
नगुण से लेकर सुवाखोली तक यह मार्ग साढ़े तीन मीटर से लेकर पांच मीटर तक चौड़ा है। मार्ग की चौड़ाई कम होने तथा अंधे मोड़ होने के कारण इस सड़क पर सफर काफी जोखिम भरा है। सड़क के कुछ ही स्थान ऐसे हैं, जहां एक बार में दो वाहन पास हो पाते हैं। सड़क संकरी होने के कारण सड़क पर कई बार दुर्घटना हो चुकी है।
सुवाखोली से लेकर नगुण तक यह पूरा मार्ग टिहरी जनपद में पड़ता है। इसका उपयोग सबसे अधिक उत्तरकाशी जनपद में आवाजाही के लिए होता है। अधिकारी से लेकर नेताओं के आने जाने का मार्ग भी यही है। इसके बाद भी इस मार्ग की दशा नहीं सुधरी है। भले ही गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मार्ग को नेशनल हाईवे बनाने की मांग की है।
चौड़ीकरण के लिए बनेगी डीपीआर
लोनिवि टिहरी के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र पाल के अनुसार नगुण-सुवाखोली मोटर मार्ग थत्यूड़ के गांवों को जोड़ने के लिए बनाया गया था। उत्तरकाशी से देहरादून की दूरी कम करने वाले इस मार्ग की महत्ता अधिक बढ़ गई है। इसलिए मार्ग के चौड़ीकरण आदि का कार्य एडीबी के तहत किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। इसके काम शुरू होने में दो साल का समय लग सकता है।
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