एक किमी दूर से पानी ढोकर बुझा रहे प्यास
तहसील मुख्यालय से महज दो किमी की दूरी पर स्थित छाड़ा गांव इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रहा है।
संवाद सूत्र, पुरोला : तहसील मुख्यालय से महज दो किमी की दूरी पर स्थित छाड़ा गांव इन दिनों पेयजल संकट से जूझ रहा है। पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण एक किमी दूर प्राकृतिक स्त्रोत से पानी ढोने को मजबूर हैं। इसके चलते उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
छाड़ा गांव के प्रकाश कुमार ने बताया कि गांव में बीते एक माह से पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है। गांव की नीतिका, लक्ष्मी, प्रिया, नीलम आदि महिलाओं ने बताया कि निर्माणाधीन छाड़ा मोटर मार्ग पर मलबा आने व बारिश से एक माह पहले उनके गांव की पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। महिलाओं को एक किमी दूर सेम नामे तोक के प्राकृतिक स्त्रोत से पानी लाना पड़ रहा है। गर्मी के कारण प्राकृतिक स्त्रोत पर भी पानी कम हो गया है, जिससे पानी भरने में घंटों का समय लग रहा है। इसके अलावा उन्हें भारी दिक्कत हो रही है। खाना बनाने से लेकर पेयजल और अन्य जरूरी कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। वहीं इसे लेकर जल संस्थान के सहायक अभियंता एसएस रावत ने बताया कि पेयजल लाइन मरम्मत करने के बाद भी सड़क निर्माण कार्य के मलबे से लाइन बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है।