कूड़े के ढेर पर सांस लेता शहर
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगर पालिका बाड़ाहाट (उत्तरकाशी) में चरमराई कूड़ा प्रबं
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगर पालिका बाड़ाहाट (उत्तरकाशी) में चरमराई कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था अब चुनौती बन चुकी है। शहर का हृदयस्थल कहे जाने वाला रामलीला मैदान कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हो चुका है। पालिका के जिम्मेदार प्रशासन का मुंह ताक रहे हैं, वहीं प्रशासन भी कूड़े के ढेर पर सांस लेते शहर की इस परेशानी को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है। नेताओं से लेकर अधिकारी इस मुद्दे पर राजनीति करने में नहीं चूक रहे हैं।
बाड़ाहाट नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि कूड़ा निस्तारण संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रशासन को भूमि उपलब्ध करानी है। अभी तक भूमि उपलब्ध नहीं कराई। माघ मेले का पूरा आयोजन रामलीला मैदान में होता है। तीन दिन के अंतराल में भूमि उपलब्ध नहीं होती है, तो वे प्रशासन के खिलाफ रामलीला मैदान में धरना देंगे। पालिका अध्यक्ष ने प्रशासन पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया है।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए स्थान चयन को लेकर बुधवार तक ठोस निर्णय लिया जाएगा। जोशियाड़ा बैराज के निकट जलविद्युत निगम की भूमि पर अस्थाई डं¨पग जोन के लिए स्थान चयनित है, लेकिन वहां कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा मंगलवार को उन्होंने डीएफओ व एसडीएम को भी कूड़ा निस्तारण के लिए वैकल्पिक स्थान तलाश करने के निर्देश दिए हैं। मैदान में होता है मेले का आयोजन
जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने कहा कि जनपद में माघ मेला सबसे पौराणिक मेला है। इस मेले की अपनी सांस्कृतिक और एतिहासिक पहचान है। इस मेले को देखने के लिए विदेशी भी पहुंचते हैं। वर्षों से इस मेले को जिला पंचायत उत्तरकाशी कराता आया है। 13 जनवरी से 21 जनवरी तक मेले का आयोजन रामलीला मैदान में होता आया है, जिसके लिए जिला पंचायत नगर पालिका को मैदान के किराये के रूप में एक लाख रुपये की धनराशि देती है। लेकिन अभी तक मैदान में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जबकि मैदान में पंडाल, दुकानों, झूला चर्खी आदि के निर्माण होने हैं।