100 दिन का रोजगार देने में उत्तरकाशी प्रदेश में अव्वल
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में रोजगार की स्थिति सबसे बदहाल रही है।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में रोजगार की स्थिति सबसे बदहाल रही है। इसके बीच राज्य में उत्तरकाशी ऐसा जनपद है, जहां सबसे अधिक परिवारों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 100 दिनों का रोजगार मिला। इसी वित्तीय वर्ष में तीन मार्च तक उत्तरकाशी जनपद में 5474 परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिल चुका है, जबकि राज्य के नैनीताल जनपद में सबसे कम केवल 1002 परिवारों को ही 100 दिन का रोजगार मिल सका।
लॉकडाउन के दौरान शारीरिक दूरी के साथ उत्तरकाशी में मनरेगा से जुडे़ कार्यों में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हुआ। ग्रामीण कामगारों को इससे जोड़ा गया। जो प्रवासी आए उनको भी मनरेगा के तहत गांव में रोजगार उपलब्ध कराया गया। उत्तरकाशी में इस वर्ष के लिए स्वीकृत बजट का 80 फीसद से अधिक काम पूर्ण कर लिया है। जिला विकास अधिकारी विमल कुमार ने बताया कि जनपद में 86455 परिवारों के जॉब कार्ड बने हैं, जिनमें 84205 जॉब कार्ड सक्रिय हैं।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मनरेगा में अच्छे प्रदर्शन के लिए जनपद के विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के बावजूद मनरेगा के अंतर्गत तत्परता से शुरू हुए कार्यों से ग्रामीणों व प्रवासियों को बड़ी संख्या में सीधे रोजगार मिला। मनरेगा कार्यों ने विपरीत परिस्थितियों में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूकता और मनरेगा टीम की सक्रियता से जनपद में आगे भी मनरेगा के तहत बेहतरीन कार्य होंगे। मनरेगा में 100 दिन रोजगार पाने वाले लाभार्थी
जनपद,परिवारों की संख्या
उत्तरकाशी,5474
पिथौरागढ़,3420
चंपावत,3403
देहरादून,3275
रुद्रप्रयाग,3024
पौड़ी गढ़वाल,1817
चमोली,1717
यूएसनगर,1671
टिहरी गढ़वाल,1651
अल्मोड़ा,1651
बागेश्वर,1242
नैनीताल,1002
कुल,30623
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(स्त्रोत- ग्राम्य विकास विभाग)