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VIDEO: उत्‍तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर फंसे हुए हैं 3000 तीर्थयात्री, रहने-खाने की आ रही है दिक्‍कत

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच राजमार्ग बुधवार की शाम से अवरुद्ध है। करीब 3000 तीर्थ यात्री राजमार्ग अवरुद्ध होने से फंसे हुए हैं। इन यात्रियों के सामने सबसे अधिक समस्या रहने खाने की है। साथ ही कई तीर्थ यात्री बुजुर्गों और बीमार भी हैं।

By Shailendra prasadEdited By: Sunil NegiPublished: Thu, 22 Sep 2022 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 11:14 PM (IST)
VIDEO: उत्‍तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर फंसे हुए हैं 3000 तीर्थयात्री, रहने-खाने की आ रही है दिक्‍कत
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच भारी भूस्खलन के कारण राजमार्ग गुरुवार पूरे दिन अवरुद्ध रहा।

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : Uttarakhand News: गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच भारी भूस्खलन के कारण राजमार्ग गुरुवार पूरे दिन अवरुद्ध रहा। बुधवार की शाम को राजमार्ग बाधित हुआ। सुनगर से लेकर गंगोत्री धाम के बीच बुधवार से तीन हजार तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। 

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तीर्थयात्रियों को खाने-रहने सहित बच्चों के लिए दूध आदि की समस्या से जूझना पड़ रहा है। गंगोत्री धाम में गुरुवार की सुबह हृदय गति रुकने से मरे तीर्थयात्री का शव भी उत्तरकाशी जिला अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका।

देर रात तीर्थ यात्रियों ने काटा हंगामा

वीरवार की देर रात को जब सुनगर के पास पुलिस का वाहन पहुंचा तो तीर्थ यात्रियों ने जमकर हंगामा काटा और पुलिस वाहन का भी घेराव किया। पुलिस ने तीर्थ यात्रियों से हर्षिल धराली व गंगोत्री लौटने के लिए कहा। तीर्थयात्रियों ने कहा कि उनके वाहनों में इतना अधिक डीजल पेट्रोल नहीं है कि वहां फिर से वापस गंगोत्री व हर्षिल जा सकें।

सुनगर व हेल्गू गाड़ के बीच बुधवार शाम हुआ भूस्खलन

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगोत्री धाम से 55 किलोमीटर उत्तरकाशी की ओर से सुनगर व हेल्गू गाड़ के बीच बुधवार की शाम चार बजे भूस्खलन हुआ। लगातार भूस्खलन होने के कारण राजमार्ग को सुचारू नहीं किया जा सका। गंगोत्री धाम के दर्शन कर उत्तरकाशी लौट रहे करीब तीन हजार यात्रियों को सुगनर, गंगनानी, डबराणी में खासा परेशान होना पड़ा।

तीर्थयात्री हाईवे खुलने का करते रहे इंतजार

बुधवार देर रात को जब राजमार्ग सुचारू नहीं हुआ तो तीर्थ यात्री हर्षिल, धराली लौटे। गुरुवार को तीर्थ यात्रियों को राजमार्ग खुलने का इंतजार था, इसलिए सभी तीर्थयात्री सुनगर और गंगनानी पहुंचे।

  • वर्षा के बीच गुरुवार को पूरे दिन तीर्थयात्री राजमार्ग के खुलने का इंतजार करते रहे। परंतु लगातार पहाड़ी से भूस्खलन होता रहा, जिससे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) राजमार्ग को सुचारू करने का कार्य शुरू नहीं कर पाया।
  • गुरुवार की शाम को अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल ने सुनगर व गंगनानी के पास सड़क खुलने का इंतजार कर रहे तीर्थयात्रियों से हर्षिल, धराली, झाला लौटने की अपील की।

ड्रोन से की भूस्खलन की निगरानी

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच 24 अगस्त से भूस्खलन जारी है। इस भूस्खलन जोन में गुरुवार की शाम तक गंगोत्री राजमार्ग 108 घंटे तक अवरुद्ध रहा है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि जिस स्थान से भूस्खलन हो रहा है वह स्थान सड़क मार्ग से दिखाई नहीं दे रहा है। जो सबसे अधिक खतरे की बात है।

  • गुरुवार को ड्रोन के जरिये भूस्खलन वाले हिस्से की निगरानी की गई। खड़ी पहाड़ी के हिस्से से लगातार भूस्खलन हो रहा है। वर्षा के थम जाने के बाद ही भूस्खलन रुक पाएगा।

होटल संचालकों से की अपील

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेल्गू गाड़ व सुनगर के बीच राजमार्ग अवरुद्ध होने के कारण गंगनानी, हर्षिल, धराली, झाला, जसपुर, सुक्की में कमरे महंगे दर पर मिल रहे हैं। साथ ही इन क्षेत्रों में दूध, सब्जी व अन्य दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं की भी हो गई है।

  • तीर्थयात्रियों को अपनी मांग के अनुरूप भी सामान नहीं मिल पा रहा है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने सभी होटल संचालकों से अपील की है कि जो तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, उन तीर्थ यात्रियों से खाने व रहने की न्यूनतम दर लें और तीर्थयात्रियों के साथ प्रशासन की भी मदद करें।

रुद्रप्रयाग : 17 घंटे बाद खुला गौरीकुंड हाईवे तरसाली में

गौरीकुंड हाईवे 17 घंटे बाद आवाजाही के लिए खुला। हाईवे बंद होने से सैकड़ों की संख्या में यात्री हाईवे के दोनों ओर फंसे रहे। बुधवार को गौरीकुंड हाईवे पर रुद्रप्रयाग से 65 किलोमीटर दूर फाटा के पास तरसाली गांव के समीप पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर आ गया था, जिसके बाद हाईवे बंद हो गया था।

हाईवे पर दोनों ओर लगी वाहनों की लंबी कतार

राजमार्ग बाधित हो जाने पर मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मशीनें लगाकर मार्ग खोले जाने का कार्य प्रारंभ किया। गुरुवार को 17 घंटे बाद सुबह लगभग दस बजे हाईवे से मलबा हटाया जा सका, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी।

इस दैरान, हाईवे अवरुद्ध होने से सैकड़ों वाहन फंसे रहे, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवाल ने बताया कि हाईवे को आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। मलबा काफी अधिक होने के साथ ही लगातार पहाड़ी से मलबा आने के कारण हाईवे खुलने में देरी हुई।

सलधार के पास देर रात्रि से बंद हाइवे दोपहर बाद खुला

जोशीमठ मलारी हाईवे सलधार के पास रात्रि को भारी वर्षा के चलते पहाड़ी से बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया था, जिसे गुरुवार की दोपहर बाद यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया। इस दौरान सुबह से सेना के वाहन व स्थानीय नागरिकों को सड़क खुलने का घंटों इंतजार करना पड़ा।

  • बुधवार की रात्रि को जोशीमठ मलारी हाईवे सलधार के पास अवरुद्ध हो गया था, जिसे बीआरओ की कड़ी मशक्कत के बाद सवा 12 बजे यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया।
  • इस दौरान हाईवे अवरुद्ध होने से सेना व स्थानीय नागरिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बताया कि सलधार के पास आए दिन सड़क अवरुद्ध होने से सेना के जवानों व स्थानीय नागरिकों को आवाजाही में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, आजकल मलारी की मां नंदा गांव भ्रमण पर पहुंची है, जिसे देखने के लिए बाहरी क्षेत्रों में रह रहे स्थानीय नागरिक भी पहुंच रहे हैं, मगर सलधार के पास सड़क अवरुद्ध होने से उन्हें परेशानी हो रही है।

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