लालधान को बढ़ावा देने को किसानों से मांगे सुझाव
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि अपने अनूठे स्वाद एवं पौष्टिक होता है।
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि अपने अनूठे स्वाद एवं पौष्टिकता के कारण लालधान पूरे देश में चर्चित है। दिनोंदिन इसकी मांग बढ़ती ही जा रही है। जिला सभागार में लालधान के उत्पादन को बढ़ावा देने को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने यह बात कही।
बैठक में जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों से लालधान के विपणन पर जोर देने की बात कही। इसके उत्पादन में आ रही तकनीकी समस्या, उत्पादकता को आगामी तीन वर्षों में दोगुना करने के लक्ष्य को पाने, उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने, उत्पादन में मशीनीकरण को बढ़ावा देने, खाद एवं उर्वरकों के समुचित प्रयोग के विषय पर संबंधित विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र चिन्यालीसौड़ के प्रभारी अधिकारी डॉ. पंकज नौटियाल ने बताया कि उनकी टीम की ओर से वर्ष 2016 में लालधान का उत्पादन कर रहे कृषक समूहों को चिह्नित कर इसको पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत पंजीकरण के लिए भेजा गया था। कहा कि लालधान पौष्टिकता से भरपूर है। सफेद धान की तुलना में इसमें कैल्सियम, मैग्नीशियम, जिक, फाइबर, फेनोलिक तत्व एवं एंटी ऑक्सीडेंट्स भी काफी अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। जिससे यह ह्दय एवं त्वचा संबंधी रोगों एवं मधुमेह आदि बीमारियों से लड़ने में काफी लाभकारी है। इस दौरान पुरोला क्षेत्र के किसानों से भी लालधान के उत्पादन को लेकर आ रही समस्याओं से निपटने एवं इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। बैठक में मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह, कृषि अधिकारी गोपाल मटूड़ा, डॉ. वरूण, कृषक अनिल कुमार, मनोज प्रसाद, केशव प्रसाद, प्रदीप आदि मौजूद थे।