खेलने को तरस रहा बचपन, मैदान में कीचड़
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगर पालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन के उपेक्षित रवैये के च
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : नगर पालिका बाड़ाहाट और जिला प्रशासन के उपेक्षित रवैये से नगर का आजाद मैदान मिनी स्टेडियम नहीं बन पाया है। कभी खेल, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहे इस मैदान का इस्तेमाल अब पार्किग के तौर पर किया जा रहा है। मैदान में कीचड़ फैला है तथा जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। दूसरी ओर मैदान के अभाव में शहर के बच्चे खेलने की तरस रहे हैं। बावजूद इसके मैदान के सौंदर्यीकरण के लिए कोई प्रयास नहीं किए।
जिला मुख्यालय पर नगर के मध्य स्थित आजाद मैदान का स्वर्णिम इतिहास रहा है। हर साल पौराणिक माघ मेला (बाड़ाहाट का थौलू) एवं रामलीला आयोजन के साथ ही यह मैदान कभी खेल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा। इस मैदान में क्रिकेट, फुटबॉल समेत तमाम खेलों की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित हुई हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े नेताओं की चुनावी सभाएं इसी मैदान में हुई। लेकिन अतिक्रमण की मार झेल रहे इस मैदान को दुरुस्त करने और इसके सौंदर्यीकरण के नाम पर बीते सालों में एक करोड़ से अधिक बजट खर्च किया जा चुका है। इस मैदान को विकसित करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मिनी स्टेडियम की घोषणा 2013 में कर दी थी। खेल विभाग ने मिनी स्टेडियम बनाने के लिए कई बार नगर पालिका को पत्र लिखे। पहले तो खेल विभाग को नगर पालिका ने जवाब देना भी उचित नहीं समझा। आजाद मैदान को मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा हुई थी। इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जाना था। लेकिन अभी तक प्रस्ताव नहीं बना। खेल विभाग के साथ मिल जल्द ही प्रस्ताव बनाया जाएगा।
देवेंद्र नेगी, प्रशासक नगर पालिका बाड़ाहाट