शिक्षकों ने किया प्राथमिक विद्यालय का कायाकल्प
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी भटवाड़ी ब्लॉक में पाही स्थित प्राथमिक विद्यालय जिला मुख्यालय उत्तरक
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी
भटवाड़ी ब्लॉक में पाही स्थित प्राथमिक विद्यालय जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किमी दूर है। इसे आदर्श विद्यालय का दर्जा भी हासिल नहीं है। फिर भी यहां पब्लिक स्कूल की तर्ज पर नर्सरी की कक्षाएं संचालित होती हैं, प्रोजेक्टर से बच्चों को पढ़ाया जाता है, बैठने के लिए फर्नीचर है और भोजन करने से पूर्व बच्चे हैंडवास से हाथ जरूर धोते हैं। इसी बदलाव का नतीजा है कि अभिभावक अपने पाल्यों को प्राइवेट स्कूल से हटाकर उनका यहां नामांकन करा रहे हैं और एक साल के अंतराल में विद्यालय की छात्र संख्या चार से बढ़कर 28 पहुंच गई है। यह सब-कुछ सरकारी मदद से नहीं, बल्कि इस विद्यालय के शिक्षकों के संयुक्त प्रयास से संभव हुआ है।
बीते कुछ सालों से सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इन सवालों के लिए जितने जिम्मेदार शिक्षक और सरकारी तंत्र है, उतने ही अभिभावक भी। लेकिन, शिक्षक और अभिभावक अगर कुछ ठान लें तो यही विद्यालय नजीर भी बन सकते हैं। इसका उदाहरण है प्राथमिक विद्यालय पाही। वर्ष 2016 में इस विद्यालय में छात्र संख्या महज चार रह गई थी। जबकि, यहां दो शिक्षक रोशनी राणा व ममता नेगी तैनात थीं। वर्ष 2017 में शिक्षक राघवेंद्र उनियाल को यहां प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात किया गया। इसके बाद विद्यालय में तैनात तीनों शिक्षकों वहां बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ बैठक की। इसके बाद विद्यालय में नौ बच्चों से प्री-नर्सरी और नर्सरी की कक्षाएं शुरू की गई। इन बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से पाठ, कार्टून के जरिए पढ़ाई और खेल-खेल में बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए तार्किक खेल शुरू किए गए। साथ ही शिक्षकों ने उन अभिभावकों के साथ भी बैठक की, जो अपने पाल्यों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे थे।
शिक्षक राघवेंद्र उनियाल के भरोसे पर अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूल से 15 बच्चों को हटाकर इस विद्यालय में दाखिला दिलाया। नतीजा विद्यालय में बच्चों की संख्या 19 हो गई। विद्यालय प्रबंधन समिति के राजवेंद्र ¨सह रावत बताते हैं कि जब प्राथमिक विद्यालय पाही में प्राइवेट स्कूल और आदर्श विद्यालय से बेहतर सुविधाएं व शिक्षा मिलने लगी तो प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे अपने दो बच्चों का भी उन्होंने यहां दाखिला करा दिया। जनवरी 2018 में शिक्षा निदेशालय की ओर से किए गए सर्वे में प्राथमिक विद्यालय पाही उत्कृष्ट श्रेणी में मिला।
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शुरू हुई प्री-नर्सरी और नर्सरी
प्रभारी प्रधानाध्यापक राघवेंद्र उनियाल ने बताया कि वर्तमान में 28 बच्चे विद्यालय में अध्ययनरत हैं और पांच बच्चों का प्रवेश और होना है। प्री-नर्सरी और नर्सरी में भी फिलहाल 11 बच्चे हैं। जब बच्चों की उम्र पांच वर्ष पूरी हो जाएगी, तब इनका पहली कक्षा में दाखिला कराया जाएगा। बताया कि बच्चों को हर दिन अंग्रेजी पढ़ाई जाती है और समाचार वाचन भी होता है।
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मन की बात से बना वॉशवेशन
प्रभारी प्रधानाचार्य राघवेंद्र बताते हैं कि उन्होंने बच्चों के मन की बात जानने के लिए विद्यालय में एक बॉक्स लगाया। इसमें पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली सोनाक्षी ने एक पत्र डाला। जिसमें भोजन करने से पूर्व और भोजन के बाद हाथ धुलने के दौरान कपड़े खराब होने की बात कही गई थी। वे इस पत्र को लेकर श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम पहुंचे। जिस पर आश्रम की ओर से विद्यालय में बच्चों के लिए वॉशवेशन लगाया गया। इससे पहले आश्रम छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय भी बनवा चुका है। राघवेंद्र बताते हैं कि विद्यालय में हैंडवास, साबुन, तौलिया, पठन-पाठन की अतिरिक्त सामग्री, फुलवारी, मंच, मैट आदि का खर्चा शिक्षक और अभिभावक मिलकर उठाते हैं।
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