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घर बैठे मिला रोजगार, मास्क तैयार कर रही युवतियां; दो हजार परिवारों तक भी पहुंचा रहे मदद

भु़वनेश्वरी महिला आश्रम और प्लान इंडिया की साझा मुहिम ने से घर बैठे युवतियों को रोजगार भी मिल रहा है और आर्थिक रूप से कमजोर दो हजार से अधिक परिवारों तक मदद पहुंचाई जा रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 08:12 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 08:12 PM (IST)
घर बैठे मिला रोजगार, मास्क तैयार कर रही युवतियां; दो हजार परिवारों तक भी पहुंचा रहे मदद
घर बैठे मिला रोजगार, मास्क तैयार कर रही युवतियां; दो हजार परिवारों तक भी पहुंचा रहे मदद

उत्तरकाशी, जेएनएन। मेहनत इतनी खामोशी से को कि सफलता भी शोर मचा दे। कुछ ऐसा ही किया है श्री भु़वनेश्वरी महिला आश्रम और प्लान इंडिया की साझा मुहिम ने, जिससे घर बैठे युवतियों को रोजगार भी मिल रहा है और आर्थिक रूप से कमजोर दो हजार से अधिक परिवारों को स्वच्छता किट और भोजन उपलब्ध करा रहा है। इसी मुहिम में भुवनेश्वरी महिला आश्रम (एसबीएमए) के 45 कार्यकर्ता दिन-रात काम में जुटे हुए हैं।

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यूं तो उत्तरकाशी में एसबीएमए वर्ष 1991 के भूकंप त्रासदी के बाद से शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, बाल अधिकार सहित आजीविका को लेकर काम किया। एसबीएमए के पास आपदा में काम करने का अच्छा अनुभव है।

इस बार कोरोना महामारी की आपदा में भी एसबीएमए लीग से हटकर काम कर रहा है। सक्षम परियोजना के तहत जिन 18 युवतियों को सिलाई का प्रशिक्षण पूर्व में दिया था। उन्हीं से मास्क तैयार करवा रहा है और 15 रुपये की दर से खरीद रहा है। 

अभी तक कोटन के दस हजार मास्क खरीद कर भटवाड़ी और डुंडा ब्लाक के ग्रामीणों को वितरित कर रहा है। महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर एसबीएमए ने एक माह की राहत किट के साथ स्वच्छता किट भी बनाई है। इनको वितरित करने के लिए आश्रम की ओर से पहले दोनों ब्लाकों के गांव में सर्वे किया गया। 

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यह सर्वे प्रशासन, प्रधान और एसबीएमए ने संयुक्त रूप से किया। इस सर्वे में दो हजार परिवार चिह्नित किए गए। उन परिवारों को वरीयता दी गई जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ जिस घर की मुखिया विधवा, दिव्यांग और वृद्ध हैं। गांव से लिए गए फीडबैक के अनुरूप महिलाओं और बालिकाओं के लिए सैनेटरी पैड और साबुन भी शामिल किए। 

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