उत्तरकाशी में चीन सीमा पर मिले सेटेलाइट फोन के सिग्नल
उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर एक माह में दो बार प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन के सिग्नल मिले हैं। खुफिया तंत्र ने इसकी जानकारी सेना और आइटीबीपी के अफसरों को दी।
उत्तरकाशी, जेएनएन। उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर एक माह में दो बार प्रतिबंधित सेटेलाइट फोन के सिग्नल मिले हैं। खुफिया तंत्र ने इसकी जानकारी सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आइटीबीपी) के अफसरों को दी। इसके बाद से सीमा पर निगरानी और सख्त कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार जिले की नेलांग घाटी में मई के आखिर और जून के दूसरे सप्ताह में सेटेलाइट फोन के सिग्नल सक्रिय थे। बताया जा रहा है कि यह सेटेलाइट फोन तुराया कंपनी का है। चीन की इस कंपनी का फोन चीनी सेना भी इस्तेमाल करती है। भारत में इस कंपनी के सेटेलाइट फोन प्रतिबंधित हैं। खुफिया विभाग ने इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है। इसके बाद से सेना और आइटीबीपी को अलर्ट कर दिया गया है।
दूसरी ओर, चमोली जिले में भी सेना की मूवमेंट बढ़ गई है। यहां सेना के अधिकारियों की बैठकों का दौर जारी है। शनिवार को जोशीमठ स्थित सेना के हेलीपैड पर दो हेलीकॉप्टर उतरे। बताया जा रहा है कि इसमें सेना के दो उच्च पदस्थ अधिकारी थे। इस अफसरों ने 9 पर्वतीय स्वतंत्र ब्रिगेड के अधिकारियों के साथ मंथन किया। गलवन घाटी में हिंसक झड़प के बाद चमोली में भी सेना की सक्रियता बढ़ गई है। सेना के वाहन लगातार मलारी और माणा तक आ जा रहे हैं।
उत्तरकाशी में चीन सीमा पर भरी वायु सेना के विमान ने उड़ान
उत्तरकाशी में वायुसेना के एक विमान ने चीन सीमा पर स्थित नेलांग घाटी के ऊपर से उड़ान भरी। इस दौरान विमान ने घाटी के ऊपर तीन चक्कर लगाए। स्थानीय लोगों में दिनभर यह चर्चा का विषय बना रहा।
शुक्रवार सुबह वायुसेना के विमान ने नेलांग घाटी के ऊपर से उड़ान भरी। एक बाद एक तीन चक्कर लगाने के बाद विमान वापस चला गया। बताया जा रहा है कि विमान ने नेलांग घाटी का जायजा लिया। उत्तरकाशी के पास चिन्यालीसौड़ में हवाई पट्टी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वायुसेना और सेना पिछले दो साल से लगातार इस हवाई पट्टी पर परीक्षण करती रही है।
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हालांकि आज विमान ने चिन्यालीसौड़ से उड़ान नहीं भरी, लेकिन 10 जून के वायुसेना के मालवाहक विमान एएन-32 ने इस हवाई पट्टी पर लैंडिंग और टेक ऑफ किया था। इससे पहले वायुसेना इस हवाई पट्टी पर आपरेशन गगन शक्ति के तहत भी अभ्यास कर चुकी है। दरअसल, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से चीन सीमा की हवाई दूरी महज 126 किलोमीटर है। इसी के दृष्टिगत हवाई पट्टी का तैयार किया जा रहा है।
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