बारिश से लालधान की फसल बर्बाद
संवाद सूत्र, पुरोला: रवांईं घाटी के पुरोला, मोरी व नौगांव क्षेत्र में बीते तीन दिन से लगातार ह
संवाद सूत्र, पुरोला: रवांईं घाटी के पुरोला, मोरी व नौगांव क्षेत्र में बीते तीन दिन से लगातार हो रही बेमौसमी बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बारिश से मोरी के लिवाड़ी, फिताड़ी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम ठंडा हो गया है। बारिश से किसानों की लाल धान समेत दलहन व तिलहन की फसल खेतों में ही सड़ने की कगार पर है। बीते पांच वर्षों से रवाईं में किसानों की हालत इस कदर हो गई है कि मौसम में अचानक हो रहे बदलाव से पहले बेमौसमी व अत्यधिक बारिश के कारण टमाटर व मटर की फसल खराब हो गई थी, अब तीन दिन से जारी बेमौसमी बारिश ने क्षेत्र के किसानों की रोजी-रोटी का मुख्य जरिया लाल धान की अच्छी फसल की उम्मीद लगाए किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
क्षेत्रीय किसान किशन ¨सह, रमेश ¨सह, श्यालिक राम, मोहन ¨सह ने कहा कि सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में क्षेत्र के किसान लाल धान की फसल काटने की तैयारी कर ही रहे थे। लगातार हो रही बारिश ने उनको घर पर ही बैठकर लाचार बना कर बारिश से बर्बाद हो रही धान, दलहन व तिलहन की फसल का नुकसान को देखने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने बताया इस वर्ष काश्तकारों की पहले टमाटर व मटर की फसल अत्यधिक वर्षा के कारण खराब हो गई थी, इसका बीज व खाद का पैसा अभी तक बकाया है। सोचा था लाल धान की अच्छी फसल होगी और हिमाचल से आने वाले ग्राहकों को अच्छे दामों में बेचकर घर का खर्चा चल जाएगा, पर इस बरसात ने तो हमारे सारे उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा इस वर्ष लाल चावल बेचना तो दूर अपने खाने के भी लाले पड़ जाएंगे। सहायक कृषि अधिकारी पिताबर सैनी ने बताया की तीन दिन से रवाईं घाटी में जारी बेमौसमी बारिश से धान, राजमा समेत दलहन व तिलहन आदि की कटी हुई तैयार फसल खराब होने की स्थिति में है, किसानों को सुझाव दिया गया है कि बारिश के पानी से सड़ने और बर्बाद हो रही फसल को बचाने के लिए खेतों के दोनों ओर गहरी नाली बनाए ताकि खेतों में पानी न रुके व पानी की निकासी निरंतर बनी रहे, इससे फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सके।