निर्जन छानियों को बना दिया क्वारंटाइन सेंटर
----------------------- शैलेंद्र गोदियाल उत्तरकाशी जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 45 किमी दूर
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शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 45 किमी दूर डुंडा ब्लॉक के न्यूगांव ग्राम पंचायत में प्रवासियों का आना लगातार जारी है। अब तक 70 प्रवासी गांव में पहुंच चुके हैं, जिनमें से 26 फिलहाल पंचायत क्वारंटाइन में हैं। जबकि, सात अन्य प्रवासियों को गांव से दो से तीन किमी दूर दो छानियों (पुराने घरों) में क्वारंटाइन किया गया है। जहां न तो पानी की व्यवस्था है, न शौचालय की ही। अलबत्ता, उजाले की व्यवस्था जरूर कर दी गई है
ग्राम पंचायत न्यूगांव के तीन विद्यालयों में बनाए गए पंचायत क्वारंटाइन सेंटरों में अतिरिक्त प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में प्रवासियों को अब छानियों में क्वारंटाइन किया जा रहा है। मुश्किल यह है कि एक तो छानियां जंगल के निकट हैं और दूसरे इनमें पानी व शौचालय तक का इंतजाम नहीं है। एक छानी में क्वारंटाइन किए गए प्रवासी राय सिंह असवाल बताते हैं कि वे बीते आठ सालों से परिवार के साथ जयपुर में रह रहे थे। लॉकडाउन के कारण नौकरी गई तो परिवार के साथ 16 मई की रात 11 बजे जैसे-तैसे न्यूगांव पहुंचे। गांव के प्राथमिक विद्यालय में पहले से ही सात, जबकि ग्राम पंचायत के दूसरे गांव न्यूसारी स्थित प्राथमिक विद्यालय में नौ और इंटर कॉलेज श्रीकालखाल में दस प्रवासी क्वारंटाइन थे। इससे अधिक प्रवासियों को इन सेंटरों में नहीं रखा जा सकता। सो, प्रधान ने उन्हें सीधे गांव से तीन किमी दूर छानियों में भेज दिया।
राय सिंह ने बताया कि आधी रात में वो जैसे-तैसे पत्नी व तीन बच्चों के साथ छानी में पहुंचे। लेकिन, यहां उजाला करने के लिए एक लैंप तक नहीं था। पांच दिन अंधेरे में रहने के बाद गुरुवार को जैसे-तैसे लाइट की व्यवस्था हो पाई। बताया कि खाद्य सामग्री गांव से स्वजन पहुंचा रहे हैं। जबकि, खाना बनाने को लकड़ियों का इंतजाम जंगल से और पीने के पानी का दूर स्थित गदेरे से करना पड़ रहा है। इससे भी बड़ी परेशानी रात के वक्त बच्चों को शौच ले जाने की है। क्योंकि छानी में शौचालय न होने से शौच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान न्यूगांव संजय कुमार बताते हैं कि जिस छानी में दो युवक क्वारंटाइन हैं, वहां बुधवार को लाइट की व्यवस्था कर दी गई थी। लेकिन, जिस छानी में राय सिंह का परिवार रह रहा है, वहां से विद्युत लाइन तीन किमी दूर है। इसलिए गुरुवार को वहां सौर ऊर्जा लाइट की व्यवस्था की गई। प्रधान ने बताया कि गांव के निकट से ही जंगल शुरू हो जाता है। इसलिए छानियों में सबसे अधिक भय गुलदार व भालू का है।