समय पर उपचार न मिलने के चलते गर्भवती ने तोड़ा दम
समय पर उपचार न मिलने के कारण मोरी देवती गांव की 21 वर्षीय प्रसव पीड़िता किरण ने बुधवार को रोहडू ले जाते समय आराकोट के निकट दम तोड़ दिया।
संवाद सूत्र, पुरोला: समय पर उपचार न मिलने के कारण मोरी देवती गांव की 21 वर्षीय प्रसव पीड़िता किरण ने बुधवार को रोहडू ले जाते समय आराकोट के निकट दम तोड़ दिया। मोरी तहसील के देवती गांव पहुंचने के लिए उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 177 किलोमीटर सड़क और फिर पांच किलोमीटर पैदल दूरी तय करनी पड़ती है।
महिला को मंगलवार रात से प्रसव पीड़ा हो रही थी। स्वजन व ग्रामीणों ने बुधवार सुबह देवती गांव से पांच किलोमीटर पैदल चारपाई के जरिये प्रसव पीड़िता को ठडियार एएनएम सेंटर तक पहुंचाया। लेकिन, एएनएम सेंटर पर ताला लटका होने के कारण स्वजन प्रसव पीड़िता को लेकर त्यूणी चले गए, तब तक गर्भवती की स्थिति गंभीर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने स्वजनों से महिला को हायर सेंटर ले जाने को कहा। त्यूणी से देहरादून की दूरी 150 किलोमीटर से अधिक होने के चलते स्वजन प्रसव पीड़िता को लेकर 30 किमी दूर हिमाचल के रोहडू ले जाने लगे। लेकिन, रोहडू पहुंचने से पहले प्रसव पीड़िता ने दम तोड़ दिया। ठडियार निवासी वीरेंद्र पंवार व पीड़िता के पति अनिल कुमार देवनाटा ने बताया कि पहले ठडियार एएनएम सेंटर बंद होने के कारण उपचार नहीं मिल पाया। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी में उपचार नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि अगर ठडियार, मोरी, त्यूणी, आराकोट में स्वास्थ्य सुविधा अच्छी होती तो उनकी पत्नी की जान बच सकती थी। इसे लेकर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसी आर्य ने बताया कि गडूगाड़ सेंटर की एएनएम की महीने में दो दिन टीकाकरण को ठडियार सेंटर में व्यवस्था की गई थी। बुधवार को ठडियार के लिए एएनएम की नियुक्ति हुई है, जो शुक्रवार से कार्यभार ग्रहण करेंगी। देवती गांव की प्रसव पीड़िता के प्रकरण के बारे में जानकारी नहीं है, पीड़िता को एएनएम सेंटर की बजाय समय पर मोरी या त्यूणी ले जाना चाहिए था। वे इस मामले की जांच करा रहे हैं।