नमामि गंगे योजना की खुल गई पोल
संवाद सहयोगी उत्तरकाशी सरकारी धन का जिले में कितना दुरुपयोग हो रहा है इसका ताजा
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सरकारी धन का जिले में कितना दुरुपयोग हो रहा है, इसका ताजा उदाहरण है मणिकर्णिका घाट। नमामि गंगे योजना के तहत करोड़ों रुपये की लागत से छह महीने पहले इस घाट का निर्माण हुआ था। निर्माणदायी संस्था सिचाई विभाग उत्तरकाशी ने घाट पर स्नान करने वाली महिलाओं के लिए यहां पर चेंजिग रुम का भी निर्माण किया था। घाट पर बने दो चेंजिग रूम में कार्यदायी संस्था ने फेब्रीकेटिग दरवाजे भी लगाए थे, लेकिन एक महीने के भीतर ही दोनों चेंजिग रूम के दरवाजे टूट गए। दरवाजा न के कारण श्रद्धालुओं को इस सुविधा का नहीं मिल रहा।
चारधाम यात्रा समापन की ओर है, लेकिन जिला प्रशासन की व्यवस्थाएं जिले में धूल फांक रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि नमामि गंगे योजना के नाम पर विभाग ने सरकारी धन की बंदरबाट की। योजना के तहत घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया गया। घाटों के निर्माण और चेजिग रूम के कार्यों का निरीक्षण नहीं होने से मानकों के विपरीत किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
सिचाई विभाग उत्तरकाशी के अधीक्षण अभियंता जीपी श्रीवाल ने बताया घाटों पर बने चेजिग रूम के दरवाजे असमाजिक तत्वों ने तोड़े हैं। जल्द ही टूटे हुए दरवाजों को ठीक किया जाएगा।