तीर्थ पुरोहित करेंगे यमुनोत्री यात्रा का बहिष्कार
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि अगर सरकार ने यमुनोत्री में पुनर्निर्माण के कार्य मास्टर प्लान के तहत और केदारनाथ की तर्ज पर कराए जाने का एलान नहीं किया तो वे यात्रा का बहिष्कार करेंगे।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: यमुनोत्री में बादल फटने से हुए नुकसान ने तीर्थ पुरोहितों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने यमुनोत्री धाम में पुनर्निर्माण के कार्य मास्टर प्लान के तहत और केदारनाथ धाम की तर्ज पर कराए जाने का एलान नहीं किया तो वह यात्रा का बहिष्कार करेंगे। तीर्थ पुरोहितों ने यह भी कहा कि यात्रियों को यमुनोत्री के बजाय खरसाली स्थित यमुना मंदिर में ही मां यमुना के दर्शन कराए जाएंगे।
यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष जगमोहन उनियाल ने कहा कि बीते 14 वर्षों के दौरान यमुनोत्री धाम में चार बड़ी आपदाएं आ चुकी हैं। लेकिन, सरकारों ने हर बार यमुनोत्री के साथ सौतेला बर्ताव ही किया। यमुनोत्री धाम का विकास मास्टर प्लान के तहत करने की जरूरत तक नहीं समझी गई। कहा कि सरकार ने यमुनोत्री को आइकॉनिक प्लेस में तो रखा है, लेकिन इसके तहत वे कार्य हो रहे हैं, जिनकी यमुनोत्री धाम को बहुत ज्यादा जरूरत नहीं।
यमुनोत्री के लिए सबसे महत्वपूर्ण है वहां हेलीपैड और रोपवे का निर्माण। साथ ही यमुनोत्री मंदिर के ठीक ऊपर की पहाड़ी से जो भूस्खलन हो रहा है, उसे रोकने के लिए ट्रीटमेंट किए जाने की जरूरत है। मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने कहा कि यमुनोत्री धाम में मंदिर के पास त्रिवेणी में यमुना के अपस्ट्रीम पर मलबे के ढेर लगे हैं। जो यमुनोत्री धाम के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अगर सरकारें इसे नजरअंदाज करती रहीं तो कभी भी कोई बड़ी अनहोनी घट सकती है। लिहाजा तीर्थ पुरोहितों यमुनोत्री धाम में यात्रा के बहिष्कार का निर्णय लिया है। तब तक यात्रा का संचालन यमुनोत्री तक नहीं कराया जाएगा, जब तक सरकार यह एलान नहीं करती कि यमुनोत्री धाम का पुनर्निर्माण केदारनाथ की तर्ज पर होगा।
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