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यमुनोत्री धाम के यात्री झाड़ियों के बीच तलाश रहे हैं रास्ते, जानिए वजह

यमुनोत्री मार्ग पर हुए भूस्खलन से यात्रियों को कर्इ तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि यात्री झाड़ियों के बीच रास्ता तलाश रहे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 27 Jul 2018 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 03:17 PM (IST)
यमुनोत्री धाम के यात्री झाड़ियों के बीच तलाश रहे हैं रास्ते, जानिए वजह
यमुनोत्री धाम के यात्री झाड़ियों के बीच तलाश रहे हैं रास्ते, जानिए वजह

उत्तरकाशी, [जेएनएन]: यमुनोत्री धाम के यात्री झाड़ियों के बीच रास्ते तलाशने को मजबूर हैं और ये सब हो रहा है मौसम की दुश्वारियों के चलते।  दरअसल, यमुनोत्री हाईवे पर डाबरकोट के भूस्खलन जोन ने स्थानीय लोगों तथा यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ओजरी से स्याना चट्टी को जोड़ने वाले पैदल मार्ग का एक हिस्सा बुधवार की रात को बह गया, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को तो यात्रियों और स्थानीय लोगों को ओजरी तक पहुंचने के लिए झाड़ियों के बीच रास्ते तलाशने पड़े। परेशान होता देख स्थानीय लोगों ने यात्रियों की सहायता की। वहीं, रास्ते बंद होने के कारण गीठ पट्टी के स्यानाचट्टी, राणचट्टी, जानकी चट्टी सहित 10 गांवों में खाद्यान्न, घरेलू गैस सिलेंडर सहित विभिन्न समस्याएं बढ़ने लगी हैं। हाईवे बंद होने के कारण इस क्षेत्र की नकदी फसलें भी बाजार नहीं आ पा रही हैं। 

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21 जुलाई की शाम साढ़े छह बजे डाबरकोट क्षेत्र में बारिश होने के कारण भूस्खलन जोन सक्रिय हुआ था, जिससे यमुनोत्री हाईवे बंद हो गया तथा स्याना चट्टी के पास यात्रियों के 15 वाहन फंसे। इन वाहनों के अधिकांश यात्री पैदल निकल आए थे। स्थानीय लोगों की आवाजाही और यात्रा का संचालन पैदल मार्ग से हो रहा था, लेकिन अब पैदल मार्ग पर भी विकट स्थिति पैदा हो गई है।

ओजरी-त्रिखली-कुंशाला पैदल मार्ग करीब छह किलोमीटर लंबा है। लेकिन, बुधवार की रात को हुई बारिश के कारण यह मार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। कुंशाला गदेरे के पास मार्ग का एक हिस्सा बह गया है, जिससे इस मार्ग से आवाजाही ठप हो गई। आवाजाही के लिए एसडीआरएफ ने  रस्सियां तो बांधी हैं, लेकिन, गदेरे के उफान से यात्री व स्थानीय लोग डर रहे हैं। गुरुवार को स्याना चट्टी से ओजरी की ओर आने वाले करीब 150 यात्रियों को खासी परेशानी से गुजरना पड़ा। 

यात्रियों को झाड़ियों के बीच से गुजरकर रास्ते तलाशने पड़े। वहीं, हाईवे के बंद होने तथा पैदल रास्तों के भी क्षतिग्रस्त होने से गीठ पट्टी के गांवों में खाद्यान्न संकट के साथ स्वास्थ्य संबंधी परेशानी भी बढऩे लगी है। गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य जांच के लिए बड़कोट-नौगांव नहीं आ पा रही हैं। अगर जल्द ही हाईवे नहीं खुला तथा पैदल मार्गों की स्थिति नहीं सुधरी तो गीठ पट्टी के गांवों में कई समस्या पैदा हो सकती हैं।   

साढ़े तीन घंटे बंद रहा गंगोत्री हाईवे 

बुधवार की रात को बारिश होने के कारण गंगोत्री हाईवे हेल्गुगाड के पास करीब साढ़े तीन घंटे तक बंद रहा है। हाईवे हेल्गुगाड के पास बृहस्पतिवार की सुबह चार बजे बंद हुआ। हाईवे बंद होने के कारण यात्रियों तथा स्थानीय लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। हेल्गुगाड में हाईवे को बीआरओ की टीम ने सुबह साढ़े सात बजे सुचारु किया। लेकिन दिन भर बारिश होने के कारण गंगोत्री हाईवे पर धरासू से लेकर सुक्की तक जगह-जगह पत्थर गिरते रहे। भले ही इन पत्थरों के गिरने से कोई घटना नहीं हुई। 

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