ठंड की मार से पशु लाचार
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: इस बार हुई भारी बर्फबारी अब परेशानी बनने लगी है। अकेले हर्षि
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: इस बार हुई भारी बर्फबारी अब परेशानी बनने लगी है। अकेले हर्षिल क्षेत्र में एक माह के अंतराल में छह पशुओं की ठंड और भूख से मौत हो चुकी है। चारों और बर्फ की चादर बिछी होने से इन्हें न तो चारा-पत्ती मिल रही है और न बर्फबारी से बचने के लिए कोई आसरा। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि इस तरह के पशुओं के संरक्षण के लिए पशुपालन विभाग की टीम हर्षिल भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इस बारे में रिपोर्ट भी मांगी गई है।
उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में इस बार जमकर बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के कारण हर्षिल क्षेत्र के धराली, पुराली, जसपुर, बगोरी, झाला, सुक्की, मुखवा में पानी का संकट भी हुआ। स्थानीय लोग अभी भी यहां बर्फ को पिघलाकर पानी का इंतजाम कर रहे हैं। स्थानीय लोग तो अपने संसाधनों के जरिये किसी तरह से जीवन जीने का इंतजाम कर रहे हैं। लेकिन, सबसे अधिक परेशानी तो हर्षिल घाटी में पशुओं को झेलनी पड़ रही है। हर्षिल निवासी माधवेंद्र ¨सह रावत ने बताया कि हर्षिल के आसपास एक माह के अंतराल में छह गायों की मौत भूख और ठंड से हो गई है। चारों ओर बर्फ ही बर्फ होने के कारण पशुओं को चुगान करने के लिए चारे का एक तिनका भी नहीं है। सबसे अधिक परेशानी इन पशुओं के सामने गौशाला की है। गौशाला न होने के कारण दर्जनों पशु पेड़ों के सहारे के सहारे ठिठुरने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि गाय बचाने के नाम पर सरकारी तंत्र के साथ कई संस्थाएं और कई कथा वाचक अपने स्वार्थ की रोटी सेकते हैं। इस तरह के पशुओं की जान बचाने के लिए इनके अंतर कोई संवेदनशीलता नहीं है।