दुश्वारियां: बर्फ उबालकर गला तर कर रहे हैं ग्रामीण
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सीमांतवर्ती क्षेत्र के यमुनाघाटी और गंगाघाटी में हो रही बर्फबार
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : सीमांतवर्ती क्षेत्र के यमुनाघाटी और गंगाघाटी में हो रही बर्फबारी से ग्रामीणों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अत्यधिक बर्फ के कारण ग्रामीण अपने घरों के अंदर ही कैद हो गए हैं। अधिक बर्फबारी होने से ग्रामीणों को पेयजल, सड़क, विद्युत, संचार सेवा आदि समस्याएं सता रही हैं। पेयजल की आपूर्ति बाधित होने से कई गांवों के ग्रामीण बर्फ को पिघलाकर गला तर करने को मजबूर हैं।
गंगाघाटी में मुखवा, हर्षिल, झाला, भंगेली, सुक्की, कुज्जन, तिहार, पुरोली, हुरी समेत एक दर्जन से अधिक गांव सड़क सुविधा से अलग थलग पड़े हुए हैं। यहां पेयजल आपूर्ति भी बाधित है। यमुनाघाटी की बात करें तो यहां गीठपट्टी के दर्जनभर से अधिक गांव सड़क, पेयजल और विद्युत सुविधा की बाट जोह रहे हैं। मोरी ब्लॉक के ओसला, गंगाड़ सरबडियार, लेवाड़ी, फिताड़ी के कई गांव के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। क्षेत्र में जमकर हो रहा हिमपात स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। हर्षिल के मुखवा में बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुई गोशाला
मां गंगा का मायका मुखवा में हो रही जमकर बर्फबारी से स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। क्षेत्र में अधिक बर्फबारी होने से गुरुवार देररात करीब 8.30 बजे मुखवा निवासी भूपेंद्र ¨सह पुत्र बचन ¨सह नेगी की दो कमरों की गोशाला टूट गई। गौशाला में उनके तीन खच्चर और एक गाय बंधी हुई थी। गोशाला टूटने के बाद स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू किया। कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने गोशाला के अंदर दबे तीन खच्चर और एक गाय को बाहर निकला। स्थानीय निवासी सुमित और सतवीर ने बताया कि बर्फ के कारण गोशाला टूटने से ग्रामीण का एक खच्चर मर गया, जबकि दो खच्चर और एक गाय की हालत गंभीर बनी हुई ह।