मौसम की बेरूखी से मटर के किसान परेशान
बीते तीन माह से बारिश न होने व सूखे से संपूर्ण रवांई क्षेत्र में खेत सूखे पडे़ हैं।
संवाद सूत्र, पुरोला: बीते तीन माह से बारिश न होने व सूखे से संपूर्ण रवांई क्षेत्र में खेत सूखे पडे़ हैं। खेतों की जुताई व समय पर नगदी फसल मटर की बुआई न होने से किसानों के चेहरे पर मायूसी है।
अगर नवम्बर प्रथम सप्ताह तक मौसम का मिजाज कुछ ऐसे ही रहा तो मटर फसल बुआई में देरी तो होगी। साथ ही किसानों के सामने आजीविका चलाने का संकट पैदा हो जाएगा।
दरअसल रवांई क्षेत्र का रामा व कमल सिरांई समेत नौगांव, बड़कोट, मोरी में अधिकांश किसान धान कटाई के बाद नगदी फसल के रूप में मटर उत्पादन करते हैं। मटर ही क्षेत्र के किसानों का आर्थिकी का मुख्य जरिया भी है। अक्टूबर अंतिम सप्ताह व नवंबर प्रथम सप्ताह में खेतों की जुताई कर मटर बुआई की तैयारियां होती है। ताकि समय पर बुआई से अच्छी पैदावार होने से मंडी में किसानों को उचित दाम मिल जाता है। क्षेत्र के प्रगतिशील किसान गुरुदेव सिंह ने कहा कि पहाड़ों में सिचाई नहरों की उचित व्यवस्था न होने से मौसमी बारिश पर ही अधिक निर्भरता रहती है। जुलाई माह में भी इस बार अच्छी बारिश नहीं हुई। जुलाई से अब तक बारिश नहीं होने से खेतों में नमी नहीं है। हल चलाने में भी दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने सरकार से यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल सिचाई नहरों को दुरुस्त करने की मांग की।
वहीं किसान संगठन के अध्यक्ष प्रकाश कुमार ने कहा कि पहाड़ों में छोटे किसान हैं। जो मौसम पर ही निर्भर हैं। कृषि के क्षेत्र में सरकार को पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सिचाई व्यवस्था जुटानी चाहिए।