आस्था की डगर में इम्तिहानों का रोड़ा
संवाद सहयोगी उत्तरकाशी दो अप्रैल से आयोजित होने वाली पौराणिक और एतिहासिक एक दिवसीय
संवाद सहयोगी, उत्तरकाशी : दो अप्रैल से आयोजित होने वाली पौराणिक और एतिहासिक एक दिवसीय पंचकोसी वारुणी यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं को बड़ेथी स्थित वारुणीघाट पर परेशानी होगी। गंगा नदी की जलधारा स्थानांतरित होने से घाट से करीब 50 मीटर दूर गंगा नदी बह रही है। गंगा नदी का घाट से दूर बहने के कारण श्रद्धालुओं को जानजोखिम में डालकर नदी में आस्था की डुबकी लगानी पड़ेगी।
शिखरेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पूर्णानंद भट्ट और स्थानीय नागरिक विपिन नेगी ने बताया कि यह यात्रा त्रयोदशी के दिन शुरू होती है। यात्रा में सीमातंवर्ती जिले के सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिभाग करते हैं। यात्रा का शुभारंभ 2 अप्रैल को बड़ेथी स्थित वरुणा और भागीरथी के संगम वारुणी घाट से शुरू होगी। श्रद्धालु सैकड़ों तादाद में इस घाट पर आस्था की डुबकी लगाकर यात्रा शुरू करते हैं। लेकिन इस बार गंगोत्री राजमार्ग पर कटिग का कार्य प्रगति पर होने और राजमार्ग से गिर रहे मलबे के कारण
नदी की जलधारा मोड़ दी है। जिससे यात्रा में श्रद्धालुओं को परेशानी होगी। श्रद्धालुओं को अव्यवस्थाओं के बीच यह यात्रा शुरू करनी पड़ेगी। यहां से स्नान करने के बाद यात्रा बसुंगा पहुंचेगी जहां श्रद्धालु कंडारेश्वर मंदिर के दर्शन करेंगे। उसके बाद यात्रा साल्ड पहुंचेगी यहां श्रद्धालु जगन्नाथ और अष्टभुजा च्वाला मंदिर के दर्शन करेंगे। उसके बाद यात्रा ज्ञाणजा पहुंचेगी, ज्ञाणजा में श्रद्धालु ज्ञानेश्वर महादेव और अष्टभुजा च्वाला मंदिर और व्यास कुंड़ के दर्शन करेंगे। उसके बाद यात्रा यहां से आगे पहुंचकर वरुणवत पर्वत के शिखर पर पहुंचेगी। जहां श्रद्धालु पर्वत के शिखर पर स्थित शिखरेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करेंगे। कहा इसके बाद यात्रा संग्राली पहुंचेगी, यहां श्रद्धालु बिमलेश्वर और कंडार देवता मंदिर में दर्शन करेंगे। उसके बाद यात्रा पाटा होते हुए अस्सी गंगा घाटी संगम गंगोरी पहुंचेगी। यहां से श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर पहुंचकर अपनी इस यात्रा का विधिवत समापन करेंगे।