भौंती की चढ़ाई नहीं चढ़ पाया 'विकास'
उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक का भौंती गांव। 400 की आबादी वाले इस गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को आज भी नौ किमी की खड़ी चढ़ाई तय करनी पड़ती है।
कुंवर सिंह तोमर, बर्नीगाड (उत्तरकाशी)
उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक का भौंती गांव। 400 की आबादी वाले इस गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को आज भी नौ किमी की खड़ी चढ़ाई तय करनी पड़ती है। सबसे अधिक परेशानी तब होती है, जब गांव से किसी प्रसव पीड़िता अथवा बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना हो। खासकर बरसात के दिनों में तो मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं।
नौगांव ब्लॉक का भौंती गांव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 128 किमी की दूरी पर है। भौंती गांव के लिए ब्लॉक मुख्यालय नौगांव और फिर विकासनगर हाईवे से लगे बर्नीगाड पहुंचना पड़ता है। यहां से धारी-कफनौल संपर्क मार्ग होते हुए बिजौरी गांव पहुंचा जाता है और फिर तय होती है नौ किमी की खड़ी चढ़ाई। गांव में आठवीं तक के लिए तो स्कूल है, लेकिन नवीं से आगे की पढ़ाई बर्नीगाड, नौगांव या बड़कोट जाकर ही संभव है। जाहिर है इन स्थानों पर बच्चों को किराये पर कमरा लेकर रहना होगा। ऐसा गरीब परिवार के बच्चों के लिए संभव नहीं है। इसके अलावा गांव तक सड़क न होने का असर ग्रामीणों के स्वास्थ्य, आर्थिकी और विकास पर भी पड़ रहा है।
भौंती निवासी कनिष्ठ उप प्रमुख दर्शनी नेगी बताती हैं कि गांव तो छोड़िए, आसपास भी स्वास्थ्य की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में यदि कोई बीमार पड़ जाए तो उसे पहले डंडी-कंडी के सहारे पीठ पर लादकर बिजौरी और फिर वाहन से अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। दर्शनी नेगी के अनुसार भौंती के लिए वर्षो पूर्व सड़क स्वीकृत हुई थी, लेकिन मामला आज तक फाइलों में कैद है। भौंती के प्रधान विजयपाल सिंह कहते हैं कि सड़क न होने के कारण काश्तकार अपने उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंचा पाते। कोई कोशिश करता भी है तो महंगा ढुलान मार देता है।
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'सड़क निर्माण के लिए 3.17 करोड़ की डीपीआर बीते वर्ष जुलाई में शासन को भेज दी गई थी। शासन से टोकन मनी मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।'
-सत्यपाल, सहायक अभियंता, लोनिवि बड़कोट (उत्तरकाशी)