सार्वजनिक शौचालय विहीन है पूरा गोमुख ट्रैक, पर्यटकों को होती परेशानी
गंगोत्री-गोमुख ट्रैक पर पर्यटक सुविधाओं का भारी अभाव है। ट्रैक पर गंगोत्री से लेकर गोमुख-तपोवन तक कहीं भी सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं है।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: दुनिया के प्रमुख ट्रैकों में शुमार गंगोत्री-गोमुख ट्रैक पर पर्यटक सुविधाओं का भारी अभाव है। सबसे अधिक परेशानी तो उन्हें शौचालय को लेकर उठानी पड़ती है। ट्रैक पर गंगोत्री से लेकर गोमुख-तपोवन तक कहीं भी सार्वजनिक शौचालय की सुविधा नहीं है। नतीजा, पर्यटकों को खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में आने वाले गंगोत्री-गोमुख ट्रैक पर हर वर्ष देश-विदेश के हजारों पर्यटक आते जाते हैं। लेकिन, जरूरी सुविधाओं, खासकर शौचालय के अभाव में उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। गंगोत्री से लेकर भोजवासा तक 14 किलोमीटर का पैदल ट्रैक है। भोजवासा में एक आश्रम और जीएमवीएन (गढ़वाल मंडल विकास निगम) के विश्राम गृह के पास ही शौचालय है। लेकिन, इनका उपयोग सिर्फ वहां ठहरने वाले ही कर सकते हैं। बाकी गंगोत्री से लेकर भोजवासा तक रास्ते में कहीं भी शौचालय नहीं है।
इसी तरह की स्थिति भोजवासा से चार किलोमीटर दूर गोमुख और गोमुख से पांच किलोमीटर दूर तपोवन की भी है। यहां भी पर्यटकों के लिए शौचालय नहीं बनाया गया है। केवल पर्वतारोहण कराने वाली ट्रैकिंग एजेंसी ही अपने पर्यटकों के लिए अस्थायी शौचालय बनाती हैं। लेकिन, सिर्फ ट्रैकिंग करने वालों को यह सुविधा नहीं मिल पाती।
उधर, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक श्रवण कुमार बताते हैं कि चीड़वासा वन चौकी के पास शौचालय है। साथ ही भोजवासा में भी जीएनवीएन का शौचालय है। चीड़वासा व भोजवासा के बीच एक स्थान पर शौचालय बनाया जा रहा है।
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