इन नौनिहालों के नसीब में न ऑफलाइन न ऑनलाइन शिक्षा
बीते डेढ़ वर्ष से मोरी विकास खंड के आधा दर्जन से अधिक जूनियर हाई स्कूलों में अध्यापक न होने से ताले लटके पड़े हैं। शिक्षक न होने के कारण सात स्कूलों में पंजीकृत करीब 350 नौनिहालों की ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन पढ़ाई ठप है।
राधेकृष्ण उनियाल, पुरोला
बीते डेढ़ वर्ष से मोरी विकास खंड के आधा दर्जन से अधिक जूनियर हाई स्कूलों में अध्यापक न होने से ताले लटके पड़े हैं। शिक्षक न होने के कारण सात स्कूलों में पंजीकृत करीब 350 नौनिहालों की ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन पढ़ाई ठप है। कोरोना काल से पहले कुछ स्थानों पर जूनियर हाईस्कूल के नौनिहाल बेसिक स्कूल में संबद्ध किए। लेकिन, अब कोरोना काल के बाद स्कूलों खुलेंगे तो तब भी यही स्थिति होगी।
मोरी विकास खंड से वर्ष 2018-19 में जूनियर हाईस्कूलों से अध्यापकों की पदोन्नति के चलते स्थानांतरण तो हो गए थे। कितु रिक्त पदों पर नई नियुक्तियां नहीं हुई। 35 जूनियर हाईस्कूलों में 81 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। बीते गुरुवार को मोरी क्षेत्र पंचायत बैठक में भी सात जूनियर हाईस्कूलों में अध्यापकों के न होने के चलते स्कूलों में ताले लटके होने का मुद्दा खूब उठा। जिस पर प्रमुख बचन पंवार, जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत, प्रधान संगठन अध्यक्ष मनोज रावत ने अध्यापकों की पदोन्नति के बाद से डेढ़ वर्ष से मोरी दूरदराज गांव के जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की तैनाती नहीं हुई है। जिसके कारण कोरोना काल में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित है। प्रधान रितेश रावत ने कहा कि जूनियर हाईस्कूल खन्यास्याणी में पुजेली, खन्यास्याणी, देवलगांव के बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन शिक्षक नहीं है तो ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं हो रही है।
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मोरी में ओसला, नुराणु, सिरगा, मसरी, कासला व कलाप, खन्यास्याणी जूनियर हाईस्कूल में तैनात अध्यापकों की पदोन्नति हुई है, जिसके कारण ये स्कूल अध्यापक विहीन हैं। स्कूल खुलने पर इन स्कूलों के बच्चों को पढ़ाई के लिए बेसिक स्कूलों में भेजा जाएगा। साथ ही खाली पदों को भरने के लिए जल्द ही पदोन्नति सूची जारी की जाएगी।
-जेपी काला, ब्लाक शिक्षा अधिकारी मोरी उत्तरकाशी