दस हजार फीट पर शान से फहरा तिरंगा
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भंयूडी बुग्याल (हिमालय के घा
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भंयूडी बुग्याल (हिमालय के घास के मैदान) में पहली बार आजादी का महापर्व मनाया गया। भंयूडी बुग्याल में छानियों में रहने वाले ग्रामीणों ने ध्वजारोहण किया। साथ ही जंगलों में गाये जाने वाले लोकगीत भी प्रस्तुत किए। समापन पर सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर डुंडा ब्लाक के गाजणा कमद क्षेत्र के भंयूडी बुग्याल में सदियों से ग्रामीण छानियों में अपने भेड़-बकरी व गाय भैंस के साथ रहते आ रहे हैं। सड़क मार्ग से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित भंयूडी बुग्याल में रहने वाले ग्रामीणों को हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से प्रेरित किया गया। बुधवार को छानियों में रहने वाले 80 वर्षीय देवानंद सोमवाल और 85 वर्ष के वीर ¨सह राणा ने ध्वजारोहण किया। बुग्याल में रहने वाले सभी ग्रामीणों ने राष्ट्रगान गाया। साथ ही ग्रामीणों ने भारत माता की जय तथा देश के महापुरुषों के जयकारे भी लगाए। साथ ही ग्रामीणों ने बुग्याली क्षेत्रों में गाए जाने वाले गीतों की प्रस्तुतियां दी। जिन पर लोकनृत्य रांसो तांदी की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर सामूहिक भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ग्रामीणों ने चावल, दूध, मक्खन, मंडवे का आटा, गुड आदि एकत्र किया। इसके बाद खीर, मंडवे की रोटी और कौंया (जंगली घास) की हरी सब्जी बनाई गई। जाड़ी संस्था के संयोजक द्वारिका सेमवाल ने बताया कि भंयूडी बुग्याल में पहली बार स्वतंत्रता दिवस का आयोजन हुआ है। भंयूडी बुग्याल में सदियों से कमद, ठाडी, कुमार कोट, भड़कोट, बागी के ग्रामीण बरसात के मौसम में अपनी गाय भैंस, भेड़-बकरियों के साथ रहते हैं। इस कारण इन ग्रामीणों को कभी स्वतंत्रता दिवस के समारोह में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाया। इसलिए सामूहिक रूप से इस तरह का प्रयास छानियों में रहने वाले ग्रामीणों की ओर से किया गया।