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गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे के संकरे स्थानों पर सुरक्षा इंतजाम नहीं

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा इंतजाम की समुचित व्यवस्था नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 10:28 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 10:28 PM (IST)
गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे के संकरे  स्थानों पर सुरक्षा इंतजाम नहीं
गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे के संकरे स्थानों पर सुरक्षा इंतजाम नहीं

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग व यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा इंतजाम की समुचित व्यवस्था नहीं है। इन दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकांश संकरे स्थानों पर क्रैश बैरियर तक नहीं हैं। गुरुवार को यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के स्यानाचट्टी के पास जिस स्थान पर बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त हुई उस स्थान पर सुरक्षा के लिए न तो क्रैश बैरियर लगा था और न पैराफिट बना हुआ था। अगर क्रैश बैरियर व पैराफिट बने होते तो यह दुर्घटना नहीं होती। जबकि अप्रैल के प्रथम सप्ताह प्रशासन की संयुक्त जांच टीम ने कई स्थानों पर क्रैश बैरियर व पैराफिट बनाए जाने का उल्लेख अपनी सर्वे रिपोर्ट में किया। लेकिन उसके बाद भी कार्यदायी संस्थाओं ने चारधाम यात्रा मार्ग की बदहाल स्थिति में सुधार नहीं किया।

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उत्तरकाशी जनपद में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम हैं। इन दोनों धामों में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर गत 30 मार्च को तत्कालीन जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सड़क सुरक्षा की व्यवस्थाओं को देखने के लिए एक संयुक्त जांच टीम बनाई थी। 10 अप्रैल को इस संयुक्त जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपी। इस रिपोर्ट के अनुसार गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगुण से लेकर गंगोत्री तक 11 स्थानों पर सड़क सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण क्रैश बैरियर, पैराफिट, उत्तल दर्पण नहीं हैं। साथ ही दुर्घटना आशंकित स्थानों पर साईनेज भी नहीं है। इसी मार्ग पर 25 से अधिक ऐसे स्थान हैं जहां डामरीकरण नहीं है। जबकि गत वर्ष बरसात में जो भूस्खलन का मलबा सड़क पर पसरा हुआ है, उसको भी नहीं हटाया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू से लेकर जानकीचट्टी तक सर्वे टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 50 स्थानों पर सड़क बेहद ही संकरी है। इनमें अधिकांश स्थानों पर पैराफिट और क्रैश बैरियर भी नहीं हैं। इसी तरह की स्थिति उत्तरकाशी केदारनाथ मार्ग की भी बतायी गई। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन ने सीमा सड़क संगठन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड और लोनिवि को निर्देश दिए कि 30 अप्रैल तक मार्गों की स्थिति में सुधार लाया जाए। लेकिन, जरूरी स्थानों पर न तो पैराफिट बनाए गए और न क्रैश बैरियर लगाए गए हैं।

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जिन स्थानों पर सर्वे टीम ने सुरक्षा इंतजाम करने का सुझाव दिया था, उन स्थानों पर सुरक्षा इंतजाम कर दिए गए हैं। जिस स्थान पर गुरुवार रात को दुर्घटना हुई वह क्षेत्र डाबरकोट भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है। जहां पैराफिट व क्रैश बैरियर लगाने अभी संभव नहीं हैं। इस क्षेत्र में आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत कार्य होने हैं तथा यहां आलवेदर रोड के तहत सुरंग भी प्रस्तावित है।

-राजेश कुमार पंत, अधिशासी अधिकारी राष्ट्रीय राजमार्ग बड़कोट खंड


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