नागालैंड की बेटी ल्हंग खोबोई बनी गवाणा गांव की निर्विरोध प्रधान
गवाणा गांव में नागालैंड की बेटी ल्हंग खोबोई (25 वर्ष) निर्विरोध प्रधान बन गई हैं। ल्हंग खोबोई के प्रधान बनने पर उसके ससुराल वाले बेहद खुश हैं।
उत्तरकाशी, जेएनएन। डुंडा ब्लॉक के गवाणा गांव में नागालैंड की बेटी ल्हंग खोबोई (25 वर्ष) निर्विरोध प्रधान बन गई हैं। ल्हंग खोबोई के प्रधान बनने पर उसके ससुराल वाले बेहद खुश हैं। वो उत्तरकाशी की पहली प्रधान बनी है, जिसका मायका भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में है।
डुंडा ब्लाक का गवाणा गांव सड़क से जुड़ा हुआ है। इस गांव में 650 मतदाता हैं और 175 के करीब परिवार हैं। यहां साल 2014 में अनुसूचित जाति महिला के लिए प्रधान की सीट आरक्षित थी, जबकि 2009 में प्रधान की सीट महिला के लिए आरक्षित थी। इस बार प्रधान की सीट अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित हुई। इस गांव में एक ही एसटी महिला होने के कारण ल्हंग खोबोई निर्विरोध प्रधान बन गई हैं।
गांव के भरत सिंह पंवार ने डेढ़ वर्ष पहले ल्हंग खोबोई से दिल्ली में प्रेम विवाह किया था। भरत सिंह पंवार के बड़े भाई संजय पंवार बताते हैं कि भरत और ल्हंग खोबोई दिल्ली के एक ही होटल में काम करते थे। तब दोनों ने प्रेम विवाह किया, जिसके बाद वे घर आए। उस समय परिवार के सदस्य भरत से नाराज भी हुए थे। लेकिन, अब सभी खुश हैं।
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उनके परिवार की बहू गांव की प्रधान बन गई है। उनके परिवार ने कभी यह सोचा भी नहीं था। ल्हंग खोबोई का एक सात साल का बेटा भी है। भले कुछ ग्रामीणों ने आरक्षण रोस्टर प्रकाशित होने के दौरान आपत्ति लगाई थी कि केवल एक ही एसटी मतदाता होने के कारण गांव की सीट को एसटी किया गया है। लेकिन, निस्तारण करने वाली कमेटी ने ग्रामीणों की इस दलील को निरस्त कर दिया था।
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