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पैरा मोटर से विश्वनाथ मंदिर के ऊपर बरसाए फूल

माघ मेले में जिला प्रशासन की ओर से एयर स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए पावर्ड पैरा मोटर से उत्तरकाशी शहर का जायजा लिया गया। साथ ही विश्वनाथ मंदिर के ऊपर आसमान से फूल भी बरसाए गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 06:17 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 06:17 PM (IST)
पैरा मोटर से विश्वनाथ मंदिर के ऊपर बरसाए फूल
पैरा मोटर से विश्वनाथ मंदिर के ऊपर बरसाए फूल

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: माघ मेले में जिला प्रशासन की ओर से एयर स्पो‌र्ट्स को बढ़ावा देने के लिए पावर्ड पैरा मोटर से उत्तरकाशी शहर का जायजा लिया गया। साथ ही विश्वनाथ मंदिर के ऊपर आसमान से फूल भी बरसाए गए।

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गुरुवार को मनेरा स्टेडियम से पैरा मोटर पायलट विनय ¨सह ने उड़ान भरी। उन्होंने उत्तरकाशी शहर का चारों ओर से मुआयना करते हुए विश्वनाथ मंदिर के ऊपर फूल बरसाए, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। पायलट पैरा मोटर विनय ¨सह ने बताया कि पैराग्लाइ¨डग व पैरा मोटर के जरिये स्थानीय युवा स्वरोजगार कर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। एयरो स्पो‌र्ट्स एसोसिएशन ऑफ नार्थ इंडिया की ओर से सभी एयर स्पो‌र्ट्स के खेल को निश्शुल्क बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि स्थानीय युवा एयर स्पो‌र्ट्स के जरिये आगे बढ़ सकें। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी पैरा मोटर के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय युवाओं को जहां रोजगार मिलेगा, वहीं राज्य सरकार को भी पैरामोटर के जरिये अच्छा राजस्व मिल सकता है। उन्होंने बताया कि आपदा के दौरान भी पैरा मोटर ग्लाइ¨डग का प्रयोग किया जा सकता है। जहां हेलीकॉप्टर नहीं पहुंच पाते, वहां पैरा मोटर आसानी से पहुंच जाता है। डबल पैरा मोटर ग्लाइ¨डग में पायलट के अलावा एक यात्री और एक पर्यटक आसानी से उड़ान भर सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि शीघ्र ही स्थानीय युवाओं को पैराग्लाइ¨डग व पैरा मोटर पायलट का प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जाएगा ताकि स्थानीय युवा एयर स्पो‌र्ट्स के जरिये रोजगार स्थापित कर सके। इस मौके पर कैप्टन देवेंद्र सचान, आपदा प्रबंधन समन्वयक, शार्दुल गुसांई आदि मौजूद रहे।

वरुणावत से नहीं भर पाए उड़ान

वरुणावत पर्वत से पैराग्लाइ¨डग करने के लिए हवा का साथ नहीं मिल रहा है। गुरुवार सुबह वरुणावत पर पहुंचे पैराग्लाइडर विक्रम नेगी, प्रवीण रावत दोपहर बाद तक हवा के रुख बदलने का इंतजार किया। लेकिन, हवा ने साथ नहीं दिया। इन पैराग्लाइडरों की योजना वरुणावत पर्वत से उड़ान भरने और जोशियाड़ा झील के बीच में बनाए गए फ्लो¨टग प्लेटफार्म पर लैंडिंग करने की थी।


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