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उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग से गुजरेगा यमुनोत्री हाईवे

यमुनोत्री हाइवे पर उत्तराखंड की सबसे लंबी सड़क सुरंग पर जोर-शोर से काम चल रहा है। इस सुरंग के बनने के बाद चारधाम यात्रा हाईटेक होगी।

By Edited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 10:06 AM (IST)
उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग से गुजरेगा यमुनोत्री हाईवे
उत्तराखंड की सबसे लंबी सुरंग से गुजरेगा यमुनोत्री हाईवे

उत्तरकाशी, जेएनएन। यमुनोत्री हाइवे पर सिलक्यारा पोल गांव में ऑलवेदर रोड के तहत बन रही उत्तराखंड की सबसे लंबी सड़क सुरंग पर जोर-शोर से काम चल रहा है। इस सुरंग के बनने के बाद चारधाम यात्रा तो हाईटेक होगी ही, क्षेत्र में आए लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी। साथ ही इसके निर्माण से गंगा और यमुना घाटी के बीच भी 26 किमी का फासला कम हो जाएगा। लगभग 800 करोड़ की लागत वाली 3.5 किमी लंबी यह सुरंग 900 मीटर बनकर तैयार हो गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआइडीसीएल) सुरंग निर्माण के कार्य को मॉनीटर कर रहा है।

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सुरंग बनाने में आधुनिक यूरोपियन तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें उच्च तकनीकी के वेंटिलेशन उपकरण और अग्निशमक यंत्र तो लगेंगे ही, एनएचआइडीसीएल का से अग्निशमन दस्ता भी यहां मौजूद रहेगा। यह सारा सिस्टम हाईटेक सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेगा, ताकि किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके। निर्माण एजेंसी के असिस्टेंट जनरल मैनेजर राजेंद्र कुमार ने बताया कि इस डबल लेन सुरंग में एक भाग रिजर्व रहेगा, जो किसी भी अनहोनी की स्थिति में वाहनों को निकालने के उपयोग में लाया जाएगा। 

बताया कि सुरंग से गंगा-यमुना घाटी के साथ यमुनोत्री की दूरी भी कम हो जाएगी। वर्तमान में धरासू से यमुनोत्री के अंतिम सड़क पड़ाव जानकीचट्टी की दूरी 106 किमी है। इसमें कई डेंजर व भूस्खलन जोन तो हैं। साथ ही बर्फबारी के दौरान 7000 फीट की ऊंचाई वाले राड़ी टॉप से गुजरने वाली सड़क भी सुगम यातायात में बाधा बनती है। इस सुरंग के बनने से यात्रियों व स्थानीय लोगों को राड़ी टॉप नहीं जाना पड़ेगा।

गुप्तकाशी में अनंत अंबानी के नाम पर खुला पुस्तकालय

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधीन संचालित केदारनाथ सनातन धर्म स्नातकोत्तर उपाधि संस्कृत महाविद्यालय विद्यापीठ गुप्तकाशी में अंबानी परिवार के सहयोग से बने नवनिमत पुस्तकालय भवन का मंगलवार को लोकार्पण हुआ। पुस्तकालय का नाम उद्योगपति मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी के नाम पर रखा गया है। इसके लिए उद्योगपति मुकेश अंबानी ने मंदिर समिति को 30 लाख की धनराशि भेंट की थी।

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पुस्तकालय भवन का लोकार्पण मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल व उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने संयुक्त रूप से किया। अपने संबोधन में अध्यक्ष थपलियाल ने कहा कि विद्यापीठ में पुस्तकालय खुलने से अब यहां अध्ययनरत छात्रों को पुस्तकों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। इसके अलावा क्षेत्र के लोगों को भी इस पुस्तकालय का लाभ मिलेगा।इससे पूर्व महाविद्यालय प्रशासन ने समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर स्वागत भी किया।

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