उजाले की डोर डालने को मिली अनुमति
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जीवन में उजाले के यूं तो कई मायने होते हैं, लेकिन आधुनिक ज
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : जीवन में उजाले के यूं तो कई मायने होते हैं, लेकिन आधुनिक जीवन में बिजली के उजाले के बिना ¨जदगी की कल्पना अधूरी सी लगती है। अंधेरे में जीवन काट रहे मोरी के सुदूरवर्ती हरकीदून घाटी के चार गांव जल्दी ही बिजली की रोशनी से जगमाएंगे, क्योंकि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इन गांवों में बिजली की लाइन डालने की अनुमति दे दी है। ऊर्जा निगम ने तालुका से बिजली की लाइन डालने का कार्य शुरू भी कर दिया है।
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 215 किलोमीटर दूर हरकीदून घाटी पड़ती है। इस घाटी में ओसला, गंगाड़, पवाणी और ढाटमीर गांव पड़ते हैं। इन चार गांवों में 550 परिवार निवास करते हैं। सड़क मार्ग से जुड़े तालुका से इन गांवों तक पहुंचने के लिए 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। गो¨वद वन्यजीव विहार क्षेत्र में आने वाले इन गांवों को जोड़ने के लिए सड़क स्वीकृत नहीं हुई है। यहां तक कि तालुका से इन गांवों को बिजली पहुंचाने के लिए भी ऊर्जा निगम को विद्युत लाइन डालने की अनुमति भी समय पर नहीं मिली।
वर्ष 2010 में पावणी के निकट उरेड़ा ने 100 किलोवाट की चिलुडगाड व 100 किलोवाट खापूगाड परियोजना का निर्माण कराया। लेकिन, वर्षों तक इन परियोजनाओं में उत्पादन नहीं हो पाया। पिछले वर्ष सितंबर में चिलुडगाड परियोजना में उत्पादन शुरू हुआ। लेकिन, उत्पादन कम होने के कारण ओसला, गंगाड़ व पवाणी गांव में कुछ ही परिवारों को एक-एक बल्व जलाने की अनुमति उरेडा ने दी। लेकिन, ढाटमीर गांव के लिए बनी खापूगाड परियोजना आज भी बंद पड़ी हुई है, जिससे इस गांव में आज तक बिजली का बल्व नहीं जला है। ऊर्जा निगम और जिला प्रशासन की ओर से जब कई बार गो¨वद वन्य जीव विहार के अधिकारियों से तालुका होते हुए ओसला गंगाड क्षेत्र में बिजली की लाइन जोड़ने के लिए पत्राचार किया गया। तब जाकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से कुछ नियमों के तहत विद्युत लाइन डालने की अनुमति दी गई।
यमुना घाटी ऊर्जा निगम के ईई प्रशांत पंत ने बताया कि तालुका से ओसला गंगाड़ क्षेत्र को बिजली से जोड़ने के लिए लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। कुछ स्थानों पर इंसुलेंटेड केबिल के माध्यम से लाइन खींची जाएगी। इसके बाद ऊर्जा निगम चारों गांवों में सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन देगा। उरेडा की जो परियोजना है, उसे भी ग्रिड से जोड़ा जाएगा।
खैणी गांव भी नहीं पहुंची बिजली
भटवाड़ी ब्लाक के सालू ग्राम पंचायत के अंतर्गत खैणी गांव में अभी बिजली नहीं पहुंची। 30 परिवारों वाले इस गांव के ग्रामीण लैंप आदि के सहारे ही रातें काटते हैं। सालू गांव में वर्ष 2018 में ही बिजली पहुंच पाई थी। ऊर्जा निगम उत्तरकाशी के ईई गौरव सकलानी ने बताया कि खौणी गांव में दीनदयाल योजना से विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। लाइन डालने के लिए पोल पहुंचा दिए गए हैं।