जड़ी-बूटी से मजबूत करें आर्थिकी
संवाद सूत्र, पुरोला : एचएन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के उच्च शिखरीय पादप शोध केंद्र के वैज्ञा
संवाद सूत्र, पुरोला : एचएन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के उच्च शिखरीय पादप शोध केंद्र के वैज्ञानिकों ने तालुका निरीक्षण भवन में कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें किसानों के साथ जड़ी-बूटियों के कृषिकरण की जानकारी के लिए जागरुकता कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में क्षेत्र के 60 से अधिक किसानों को जड़ी-बूटी कृषिकरण, उत्पादन व विपणन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
जड़ी-बूटी शोध केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीके पुरोहित ने बताया कि हरकीदून सहित उच्चशिखरीय क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की मदद से बाहर से आने वाले जड़ी-बूटी तस्कर बिचौलियों से मिलकर अवैध रूप से जड़ी-बूटी का दोहन कर जंगलों का नाश कर रहे हैं। दोहन की गई बहुमूल्य जड़ी-बूटियों आतिश, जटामांसी, कुटकी, चिरायता का अवैध दोहन कर तस्करी की जा रही है। वैज्ञानिकों ने गोष्ठी के माध्यम से किसानों को जड़ी-बूटी कृषिकरण, उत्पादन समेत विपणन की भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने किसानों से जड़ी-बूटियों की खेती को रोजगार से जोड़कर आर्थिकी मजबूत करने की बात कही। वैज्ञानिकों ने नेशनल मिशन ऑफ हिमालयन अध्ययन परियोजना के तहत मोरी ब्लॉक के बडासू पट्टी के गंगाड, ओसला, ढाटमीर व पवाणी आदि गांव का भ्रमण किया।
कार्यशाला में वैज्ञानिकों ने पांच सौ से अधिक किसानों को कुटकी, जटामासी, अतीस, चिरायता आदि जड़ी-बूटियों की 10 हजार पौध कृषिकरण के लिए मुफ्त वितरित की। वैज्ञानिकों ने हरकीदून घाटी में जड़ी-बूटी कृषिकरण की अपार संभावनाएं बताई। उन्होंने किसानों को बाहर से आने वाले तस्करों से सावधान रहने व अवैध रूप से जड़ी-बूटियों का दोहन रोकने की भी अपील की।
इस अवसर पर डॉ. बीएस मेगंवाल, विक्रम रावत, राजीव रंजन, शुभम भट्ट, नंदा बल्लभ, हरीश कुमार, चैन ¨सह, रमेश ¨सह, ठाकुर ¨सह, यदी देवी, जोत ¨सह जगदीश लाल, जयपाली देवी, तारी देवी, चंद्री देवी आदि मौजूद थे।