Move to Jagran APP

उद्यान सचिव ने रवाईं घाटी में तलाशी बागवानी की संभावनाएं

रवाईं व जौनपुर क्षेत्र में उद्यान एंव कृषि सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बागीचों का निरीखण किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 10:15 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 06:14 AM (IST)
उद्यान सचिव ने रवाईं घाटी में तलाशी बागवानी की संभावनाएं
उद्यान सचिव ने रवाईं घाटी में तलाशी बागवानी की संभावनाएं

संवाद सूत्र, पुरोला/बर्नीगाड़ : रवाईं व जौनपुर क्षेत्र में उद्यान एंव कृषि सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने व्यापक स्तर पर कृषि एवं बागवानी की संभावनाएं तलाशी। सचिव ने नौगांव के कंडारी गांव और पुरोला के डेरिका में इंडो-डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के सहयोग से तैयार किए ग्रामीणों के बगीचे देखे। साथ ही उद्यानपतियों और प्रगतिशील किसानों से बातचीत भी की।

loksabha election banner

उद्यान सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम शुक्रवार की दोपहर को नौगांव ब्लाक के कंडारी गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने सीताराम गौड़, बेजराम गौड़, राजेन्द्र गौड़, गजेंद्र, तेजराम, दिनेश नौटियाल की ओर से तैयार किए सेब के बागीचों को देखा। इंडो-डच हॉर्टिकल्चर तकनीक से तैयार ये सेब के पेड़ तीन साल के अंतराल में फल देने लगते हैं। इस मौके पर उद्यान सचिव ने सेब के बागीचों में तैयार सेब की फसल को निकालने की भी शुरुआत की। सचिव ने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब हिमाचल की तर्ज पर यहां कृषक उन्नति करेगा। इससे पलायन भी रुकेगा और गांव में रोजगार भी मिलेगा। इस मौके पर कंडारी गांव की प्रधान विनीता गौड़ ने यमुना नदी से कंडारी व डांडा तोक तक लिफ्ट योजना, कंडारी से डांडा तोक तक 11 किलोमीटर सड़क की मांग रखी। कंडारी गांव के बाद उद्यान सचिव पुरोला के डेरिका गांव में पहुंचे। जहां उन्होंने कम ऊंचाई पर होने वाली सेब की फसल को देखा। डेरिका गांव में इंडो-डच हॉर्टिकल्चर संस्थान ने एक मॉडल तैयार किया है।

यहां संस्थान ने कम ऊंचाई पर होने वाले सेब के पौधों को लगाया है। ये पौध दो वर्ष के अंतराल में फल देने के लिए तैयार हो चुकी है। इस मॉडल का निरीक्षण करते हुए उद्यान सचिव ने कहा कि रवाईं घाटी व जौनपुर की उपजाऊ भूमि नगदी, बेमौसमी सब्जियों के अलावा फल उत्पादन के लिए खास है। सरकार अब यहां कम ऊंचाई और उत्तम प्रजाति के सेब बागीचे तैयार करने में उद्यानपतियों की सहायता करेगी। बाहरी क्षेत्रों से लौटे प्रवासियों को भी सरकार की ओर से रोजगार शुरू करने के लिए ऋण दिया जाएगा। नौगांव, पुरोला मोरी में जो बागीचे सूख चुके हैं उन बागीचों के उत्थान को लेकर सरकार योजना बना रही है। इसके अलावा सेब बागवानी में एक लाख काश्तकारों को जमा करना होता है, जबकि तीन लाख कोका कोला कंपनी व एक लाख उत्तराखंड सरकार देगी। इस मौके पर एडीएम तीरथ पाल,एडीएम, सोहन सैनी, तहसीलदार चंदन सिंह राणा, मुख्य उद्यान अधिकारी प्रभाकर, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह, सीवीओ डा. प्रलायक नाथ, सुधीर चड्ढा, दिनेश नौटियाल, सरपंच ब्रह्मानंद, बृजमोहन आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.