कपाट बंद होने से दोनों धामों में पसरा सन्नाटा
जागरण संवाददाता उत्तरकाशी गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होते ही दोनों धामों म
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होते ही दोनों धामों में सन्नाटा छा गया है। यात्रा सीजन के दौरान तीर्थयात्रियों व पर्यटकों से गुलजार रहने वाले धाम परिसरों में कपाट बंद होने के बाद से वीरानी छा गई। दोनों धामों में अब छह माह बाद अक्षय तृतीया को कपाट खुलने के बाद ही रौनक लौट सकेगी। शीतकाल में कुछेक साधु संत ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में रहते हैं।
सोमवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद यहां पहुंचे तीर्थयात्री अपने-अपने गंतव्यों को लौट गए। वहीं यात्रा सीजन में यहां व्यवसाय करने पहुंचे व्यवसायियों ने भी कपाट बंद होते ही अपना-अपना सामान बांध कर अपने घरों को लौट गए। जिससे गंगोत्री धाम के मंदिर परिसर, गंगा तटों, स्नान घाटों तथा बाजार की गलियों ने पूरी तरह सन्नाटा पसरा पड़ा है। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को भैया दूज के पर्व पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होते ही यमुनोत्री से लोग वापस अपने गंतव्यों को लौटे, इससे धाम परिसर में सन्नाटा पसर गया है। गंगोत्री धाम क्षेत्र सहित यात्रा मार्ग के भैरोघाटी, हर्षिल, धराली, सुक्की, गंगनानी आदि पड़ाओं पर भी सन्नाटा पसरने लगा है। वहीं यमुनोत्री धाम क्षेत्र सहित जानकीचट्टी, फुलचट्टी, हनुमानचट्टी, राना, स्यानाचट्टी आदि प्रमुख यात्रा पड़ावों पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होते ही वीरानी छा ने लगी है। यात्रा काल के दौरान ये सभी पड़ाव तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से गुलजार रहते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे यह पड़ाव खाली होने लगे हैं। शीतकाल में भारी बर्फबारी से पूरा क्षेत्र बर्फ से ढका रहता है। जिससे यहां तक लोग नहीं पहुंच पाते। छह माह तक कुछ साधु संत ही यहां रहते हैं तथा छह माह बाद अक्षय तृतीया के पर्व पर ही यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे।