Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तरकाशी में अपने ही मायके में प्रदूषित हो रही गंगा

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 10 May 2017 06:00 AM (IST)

    उत्तरकाशी में गंगा अपने मायके में ही प्रदूषित हो रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गंगोरी में असी गंगा में गिर रही गंदगी को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

    Hero Image
    उत्तरकाशी में अपने ही मायके में प्रदूषित हो रही गंगा

    उत्तरकाशी, [जेएनएन]: केंद्र सरकार जहां गोमुख से लेकर गंगासागर तक गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह खर्च कर रही है। वहीं अपने मायके में ही गंगा प्रदूषित हो रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गंगोरी में असी गंगा में गिर रही गंदगी को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां रोजाना काफी मात्रा में गंदगी असी गंगा में प्रवाहित हो रही है। मामला संज्ञान में होने के बावजूद क्षेत्रीय प्रशासन इसका समाधान करने के बजाय इस ओर मूकदर्शक बना हुआ है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चारधाम यात्रा अपने पहले चरण में है। इन दिनों गंगोत्री धाम जाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है। गंगोत्री धाम जाने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु यहां उमड़ रहे हैं। यात्रा के पहले ही पड़ाव में श्रद्धालुओं के सामने मां गंगा की छवि धूमिल हो रही है। गंगा में गिर रही गंदगी को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से यहां पर कूड़ेदान की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। 

    गंगा स्वच्छता को लेकर प्रदेश सरकार के दावे केवल दस्तावेजों में ही धूल फांक रहे हैं। दिल्ली से गंगोत्री धाम घूमने आए श्रद्धालु सचिन और राजेश ने बताया कि गंगोत्री धाम यात्रा हमारे लिए कल्पनाओं से ज्यादा खूबसूरत रहा। वहीं यहां प्रशासन की ओर से नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। जगह-जगह क्षेत्र की गंदगी गंगा में प्रवाहित हो रही है। जो क्षेत्रीय प्रशासन को आइना दिखा रही है। 

    12 दिनों से झील में तीन जानवरों के शव 

    गंगा स्वच्छता के भले ही कितने भी दावे किए जाएं, लेकिन उत्तरकाशी में इन दावों की हवा निकल रही है। स्थिति यह है कि अगर कोई जानवर मर रहा है तो उसे लोग गंगा में बहा दे रहे हैं। तीन जानवरों के शव पिछले 12 दिनों से मनेरी भाली परियोजना द्वितीय की जोशियाड़ा स्थित झील में हैं।

    मनेरी भाली परियोजना के अधिकारियों पास मशीन न होने के कारण इन जानवरों के शव झील से बाहर नहीं निकाला गया है। पिछले 12 दिनों से इन जानवरों के शव वहीं सड़-गल रहे हैं। इससे नदी का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। लेकिन, अधिकारियों को इससे कोई लेना देना नहीं है।

    जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. आशीष श्रीवास्तव के मुताबिक शासन से जैसे ही धनराशि स्वीकृत होगी वैसे ही क्षेत्र की समस्या का समाधान किया जाएगा। गंगा में गिर रही गंदगी को रोकने के लिए योजनाएं तैयार की जा रही है।

    यह भी पढ़ें: चंपावत में पुलिस कर्मियों ने चलाया सफाई अभियान

    यह भी पढ़ें: सीएम त्रिवेंद्र रावत बोले, हम दून को करेंगे बदबू से मुक्त

    यह भी पढ़ें: सफाई मामले में देहरादून को 1900 में से मिले 752 नंबर