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गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने ठुकराई सहायता राशि

गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार की ओर से दी जा रही सहायता राशि को ठुकरा दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 09:55 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:55 PM (IST)
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने ठुकराई सहायता राशि
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने ठुकराई सहायता राशि

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार की ओर से दी जा रही सहायता राशि को ठुकरा दिया है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि अगर सरकार गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों, होटल व्यवसायियों और अन्य की मदद करना चाहती है, तो लॉकडाउन के दौरान भेजे गए बिजली-पानी के भारी भरकम बिलों को माफ करे, जिससे सबको राहत मिलेगी।

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गंगा मंदिर की धर्मशाला में आयोजित बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि दे रही है। जबकि, गंगोत्री धाम में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण केवल तीर्थ पुरोहितों की आर्थिकी प्रभावित नहीं हुई, बल्कि होटल व्यवसायी, व्यापारी, बाजगी, कर्मचारी, घोड़ा, डांडी-कंडी संचालक, ट्रैकिग से जुडे़ गाइड, पोर्टर आदि भी प्रभावित हुए हैं। ऐसे में केवल तीर्थ पुरोहितों को एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि देकर सरकार फूट डालने का काम कर रही है। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गंगोत्री कोई भी यात्री नहीं आया। लॉकडाउन में कुछ ढील हुई तो उसके बाद भी अपेक्षा के अनुसार यात्री नहीं आए। यह बात प्रदेश सरकार और प्रदेश के पर्यटन विभाग को भी पता है। लेकिन, उसके बावजूद सरकार ने बिजली और पानी के भारी-भरकम बिल गंगोत्री के उपभोक्ताओं पर थोपे। सवाल यह है कि जब गंगोत्री में कोई था ही नहीं तो बिजली-पानी किसने खर्च की। बैठक में तीर्थ पुरोहितों ने सरकार की एक हजार रुपये की सहायता राशि का पुरजोर ढंग से विरोध किया। बैठक में गंगोत्री मंदिर के सचिव दीपक सेमवाल, संजीव सेमवाल, संजय सेमवाल, राकेश सेमवाल, गंगा सभा के सचिव प्रकाश चंद्र सेमवाल, प्रेम नारायण सेमवाल, सुभाष चंद्र सेमवाल, हरिराम सेमवाल, द्वारिका प्रसाद सेमवाल, सतेंद्र सेमवाल सहित आदि मौजूद थे।


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