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मोरी में पांच सौ मजदूर राष्ट्र निर्माण में जुटे

संवाद सूत्र पुरोला कोरोना महामारी के भय और रोजगार छिन जाने के कारण पूरे देश में मजद

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 06:15 AM (IST)
मोरी में पांच सौ मजदूर राष्ट्र निर्माण में जुटे
मोरी में पांच सौ मजदूर राष्ट्र निर्माण में जुटे

संवाद सूत्र, पुरोला: कोरोना महामारी के भय और रोजगार छिन जाने के कारण पूरे देश में मजदूरों के रिवर्स पलायन की तस्वीर झकझोर रही हैं। लेकिन, मोरी नैटवाड़ सतलुज जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य में निरंतर 500 श्रमिक लगे हुए हैं। इन श्रमिकों ने काम छोड़कर घर लौटने से इन्कार किया है। परियोजना का निर्माण कर रही जेपी कंपनी ने भी श्रमिकों को पूरी सुरक्षा देने, नियमित स्वास्थ्य जांच करने तथा समय पर श्रमिकों का भुगतान करने का आश्वासन दिया है, जिससे श्रमिक अपने परिवार के भरण पोषण के लिए बैंक के माध्यम से पैसे भेज सकें।

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कोरोना संकट को रोकने के लिए लॉकडाउन के चलते सतलुज जल विद्युत परियोजना का निर्माण भी लंबे समय तक बंद रहा। जेपी कंपनी ने इस दौरान अपने श्रमिकों के लिए मोरी में खाने की पर्याप्त व्यवस्था की। लॉकडाउन में रियायत के बाद परियोजना का निर्माण कार्य फिर से शुरू हुआ। तो पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के 600 श्रमिकों में से 100 श्रमिकों ने घर गांव में आवश्यक कार्य का हवाला दिया। कंपनी ने भी इन श्रमिकों को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की। लेकिन करीब 500 श्रमिकों ने घर जाने के बजाय निरंतर काम करने की बात कही। श्रमिकों ने कहा कि वे हजारों किलोमीटर दूर यहां रोजी रोटी की तलाश में आए हैं। कोरोना महामारी से बचने के लिए भी यहां पूरी तरह से सुरक्षित हैं। साथ ही यहां राष्ट्र निर्माण के लिए बन रही परियोजना का काम फिर से शुरू हो गया है। शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए वे परियोजना निर्माण में जुटे हैं।

मोरी में टौंस नदी पर निमार्णाधीन 60 मेगावाट की सतलुज जल विद्युत परियोजना मोरी-नैटवाड़ का निर्माण पिछले दो साल से चल रहा है। परियोजना निर्माण में लगी जेपी कंपनी के प्रबंधक डॉ. केके सती ने बताया कि लॉकडाउन शुरू होने से मजदूरों को हर प्रकार की सुविधा दी जा रही है। सेनिटाइजर व मास्क के अलावा शारीरिक दूरी के पालन के नियम का पूरा पालन कर 500 मजदूर अलग-अलग साइड पर काम कर रहे हैं। कुछ मजदूरों को जरूरी कार्य घर से जाना पड़ा है। जो मजदूर काम कर रहे हैं, उनका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।


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