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उत्तरकाशी में जंगल की आग हुई बेकाबू, एक छानी जलकर हुई खाक

सीमांत जनपद में कंट्रोल बर्निंग के नाम जंगलों में लगाई गई आग बेकाबू होती जा रही है। गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। शनिवार की रात को डुंडा रेंज के रनाड़ी गांव में जंगल की आग से एक छानी जलकर खाक हो गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 11:04 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 11:04 AM (IST)
उत्तरकाशी में जंगल की आग हुई बेकाबू, एक छानी जलकर हुई खाक
उत्‍तरकाशी में कंट्रोल बर्निंग के नाम जंगलों में लगाई गई आग बेकाबू होती जा रही है।

उत्तरकाशी, जेएनएन। सीमांत जनपद में कंट्रोल बर्निंग के नाम जंगलों में लगाई गई आग बेकाबू होती जा रही है। गंगा घाटी से लेकर यमुना घाटी के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। शनिवार की रात को डुंडा रेंज के रनाड़ी गांव में जंगल की आग से एक छानी (कच्चा भवन) जलकर खाक हो गई। छानी में रखा सामान और अमारती लकड़ियां जलकर खाक हो गई हैं। अभी तक जनपद उत्तरकाशी में 35 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल चुका है और वन विभाग कंट्रोल बर्निंग का राग अलाप रहा है।

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उत्तरकाशी में अक्टूबर मध्य से जंगलों में आग लगनी शुरू हो गई थी। जब वन विभाग आग बुझाने में नाकाम साबित हुआ तो प्रशासन के सहयोग से वन विभाग ने कंट्रोल बर्निंग का सहारा लिया। लेकिन, उसके बाद भी आग लगने की घटनाओं में कमी नहीं आयी। कंट्रोल बर्निंग भी वन विभाग नीचले क्षेत्रों से ऊपर की ओर लगा रहा है। जिससे आग और अधिक विकराल हो रही है। 25 दिनों के अंतराल में आग लगने की 60 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। बीते शनिवार की रात को डुंडा रेंज के रनाड़ी गांव के निकट आग पहुंची। आग इतनी विकराल हुई कि गांव के छानी अपनी चपेट में लिया।

जिससे छानी जल कर राख हुई। छानी में आग की घटना से कोई जनहानि तो नहीं हुई। लेकिन छानी के अंदर रखा सामान और इमारती लकड़ियां जल कर राख हुई है , ग्रामीणों ने वन कर्मियों की लापरवाही के कारण छानी में आग लगने का आरोप लगाया है। दरअसल, बीती देर रात को वन विभाग की ओर से लगाई गई कंट्रोल बर्निंग की आग रनाड़ी गांव के चौकी नामे तोक तक पहुंची । जिसमें रनाड़ी गांव निवासी बिशन चंद रमोला की छान जल कर राख हो गई। स्थानीय ग्रामीणों ने आग बुझाने की काफी कोशिश की। लेकिन, आग विकराल होने के कारण आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

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