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सेब बागवानों के लिए लंगूर बने आफत

जागरण संवाददाता उत्तरकाशी हर्षिल क्षेत्र में सेब काश्तकारों के लिए जंगली जानवर इस बार परे

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 06:52 PM (IST)
सेब बागवानों के लिए लंगूर बने आफत
सेब बागवानों के लिए लंगूर बने आफत

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: हर्षिल क्षेत्र में सेब काश्तकारों के लिए जंगली जानवर इस बार परेशानी का सबब बन गए हैं। जंगलों में अत्यधिक बर्फबारी के चलते जंगली जानवर आबादी क्षेत्र का रुख कर रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या लंगूरों की है। लंगूर सेब के पेड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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इस बार शीतकाल में उच्च हिमालयी क्षेत्र में माकूल बर्फबारी हुई है। इससे सेब के काश्तकारों को उम्मीद जगी थी कि आने वाले सीजन में सेब की अच्छी पैदावार होगी। लेकिन, इस बार लंगूर सेब की फसल के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी अधिक होने के कारण जंगली जानवर आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं। छोटे-छोटे सेब के पौधों को भरल नुकसान पहुंचा रहे हैं। जबकि, बड़े पेड़ों को लंगूर नुकसान पहुंचा रहे हैं। हर्षिल निवासी माधवेंद्र रावत ने बताया कि इस बार लंगूरों ने सेब के बगीचों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा दिया है। लंगूर सेब के पेड़ों की छाल खा रहे हैं और पेड़ की टहनियों को तोड़ रहे हैं। उन्होंने एसडीएम भटवाड़ी देवेंद्र नेगी से सुरक्षित हिमालय प्रोजेक्ट के तहत सोलर फेंसिंग लाइट देने की मांग की है। वहीं धराली निवासी संजय पंवार, महेश पंवार ने बताया कि इस बार अच्छे हिमपात ने अच्छी पैदावार की उम्मीद जगाई थी। लेकिन, लंगूरों ने बहुत नुकसान किया है। उन्होंने कहा कि अगर लंगूरों पर वन विभाग कोई नियंत्रण नहीं कर सकता है तो काश्तकारों को उचित मुआवजा दिया जाए।


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