नगर पालिका बाड़ाहाट का ईओ गिरफ्तार
नगर पालिका बाड़ाहाट (उत्तरकाशी) में पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ सरकारी धन का गबन और सरकारी भूमि खुर्दबुर्द करने के आरोप में सितंबर 2018 में दर्ज मुकदमे में नया मोड़ आ गया है।
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: नगर पालिका बाड़ाहाट (उत्तरकाशी) में पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ सरकारी धन का गबन और सरकारी भूमि खुर्दबुर्द करने के आरोप में सितंबर 2018 में दर्ज मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। विवेचना के बाद मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिशासी अधिकारी सुशील कुमार कुरील को भी अब आरोपित बनाया गया है। बुधवार को कोतवाली पुलिस ने आरोपित ईओ सुशील कुमार कुरील को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से ईओ को न्यायिक हिरासत में नई टिहरी जेल भेज दिया गया।
दरअसल, नगर पालिका बाड़ाहाट ने बिना बोर्ड बैठक 11 मार्च 2016 को सब्जी मंडी के पास दुकान निर्माण के लिए लॉटरी निकाली। इसमें करीब 42 दुकानें आवंटित की गई और व्यापारियों से दुकान निर्माण के लिए 34.50 लाख रुपये धनराशि ली। लेकिन, इसके बाद दुकानें नहीं बनाई गई। इसी दौरान नगर पालिका ने मानकों को ताक पर रखते हुए एक ठेकेदार को 12 लाख में सब्जी मंडी के पास नाली निर्माण का ठेका दिया और उसे आठ लाख रुपये का अग्रिम भुगतान भी कर दिया। फरवरी 2018 में पालिका ने बिना बोर्ड बैठक सब्जी व्यापारियों से मिलकर सितंबर 2017 से फरवरी 2018 का किराया जमा कराया। गड़बड़ी मिलने पर प्रशासन के आदेश पर ईओ सुशील कुमार कुरील ने तत्कालीन पालिकाध्यक्ष जयेंद्री राणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पूर्व पालिकाध्यक्ष जयेंद्री राणा ने हाईकोर्ट से उसी दौरान स्टे ले लिया। बीती 18 मई 2020 को पूर्व पालिकाध्यक्ष के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। पुलिस की विवेचना में सामने आया कि पालिकाध्यक्ष के साथ आहरण-वितरण में ईओ सुशील कुमार कुरील के भी हस्ताक्षर हैं। कोतवाली प्रभारी महादेव उनियाल ने बताया कि विवेचना में मुकदमा दर्ज करवाने वाले ईओ के खिलाफ भी पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। इसी आधार पर ईओ को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही मामले में अन्य के खिलाफ भी विवेचना जारी है।
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छात्र नेता ने सीएम पोर्टल में की थी शिकायत: जियोग्रिड वॉल के सामने सब्जी मंडी की दुकानों के अवैध आवंटन की जांच को लेकर छात्र नेता अमरिकन पुरी ने सीएम पोर्टल में शिकायत भी की। इसके बाद तत्कालीन एडीएम पीएल शाह की अध्यक्षता में जांच हुई। जिसमें सरकारी धन का गबन व सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द करने के साथ बिना बोर्ड बैठक के निर्णय लेने की बात सामने आई। इसके अलावा जिस भूमि पर पालिका सब्जी मंडी की दुकानें बनाने जा रही थी वह भूमि पालिका के बजाय उत्तराखंड सरकार की निकली।
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ईओ को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने की सूचना प्राप्त हुई है। इस मामले में विभागीय कार्रवाई के लिए मामले की रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।
डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी उत्तरकाशी