मोरी से मुनस्यारी के लिए शुरू हुई पद यात्रा
संवाद सूत्र, पुरोला : नशा नहीं रोजगार दो, गैरसैंण स्थायी राजधानी दो, के बैनर तले मोरी-मुन्सय
संवाद सूत्र, पुरोला : नशा नहीं रोजगार दो, गैरसैंण स्थायी राजधानी दो, के बैनर तले मोरी-मुनस्यारी पदयात्रा का शुक्रवार को मोरी से शुरूआत की गई। तीन महीने तक चलने वाली पदयात्रा के संयोजक प्रवीण ¨सह ने यात्रा का शुभारंभ किया। यात्रा को तिरंगा झंडा दिखाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा बेरोजगार की मार झेल रहा हैं। उत्तराखंड के युवा वर्ग के हाथ रोजगार के नाम पर खाली हैं। आए दिन सैकड़ों बेरोजगार युवा नशे के आदि होते जा रहे हैं। पहाड़ की जनता ने पृथक राज्य का आंदोलन प्रदेश की राजधानी गैरसैंण के लिए लड़ाई लड़ी। सरकार राजधानी के नाम पर देहरादून में करोड़ों रुपये बर्बाद कर चुकी है। जबकि गैरसैंण में एक-दो दिन का सत्र चला कर जनता को गुमराह करने का षडयंत्र कर रही है। उन्होंने बताया कि पदयात्रा मोरी से बड़कोट, धरासू, टिहरी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, बैजनाथ, कफकोट, गोचर, नारायणबगड़ व खलियाटोप होते हुए मानसून सत्र से पूर्व तीन महीने में मुनस्यारी पहुंचेंगी। जहां पर यात्रा का समापन किया जाएगा। यात्रा में व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है। इस मौके पर मोरी में संजय ¨सह, रणवीर ¨सह, प्रेम ¨सह आदि लोग पदयात्रा में शामिल हुए। (संसू)