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रामलीला मैदान पर प्रशासन और पालिका आमने-सामने

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : रामलीला मैदान में स्वामित्व व पार्किंग को लेकर पालिका और प्रश

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 03:00 AM (IST)
रामलीला मैदान पर प्रशासन और पालिका आमने-सामने
रामलीला मैदान पर प्रशासन और पालिका आमने-सामने

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : रामलीला मैदान में स्वामित्व व पार्किंग को लेकर पालिका और प्रशासन के बीच रार बढ़ने लगी है। पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने गुरुवार को कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी के सम्मुख कहा कि नगर पालिका रामलीला मैदान में पार्किंग की व्यवस्था बंद करने जा रही है। प्रशासन शहर की पार्किंग की व्यवस्था दूसरे स्थान पर कर दे। पालिकाध्यक्ष के ऐलान के बाद जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने कहा कि प्रशासन ये देख रहा है कि रामलीला मैदान पर स्वामित्व किसका है। इसके साथ ही चुनाव व अन्य आयोजनों में जनहित को देखते हुए रामलीला मैदान की जरूरत पड़ी तो प्रशासन वहीं कदम उठाएगा जो उसे उठाना चाहिए।

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नगर पालिका बाड़ाहाट क्षेत्र की हृदय स्थली कहे जाने वाले रामलीला मैदान में वरुणावत त्रासदी से पहले मैदान में केवल खेल, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं राष्ट्रीय व स्थानीय मुख्य आयोजन होते आते थे। वरुणावत त्रासदी के बाद इस मैदान में पार्किंग की जाने लगी। इससे मैदान का वास्तविक स्वरूप खो गया, लेकिन अब पालिकाध्यक्ष ने मैदान के सौंदर्यीकरण की मुहिम उठाई तो प्रशासन के सामने पार्किंग का संकट सामने खड़ा होने लगा है। गुरुवार को कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में बाड़ाहाट नगर पालिका के पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि प्रशासन के पास पार्किंग के लिए कई स्थान हैं। मुख्य बाजार की पार्किंग के लिए उद्योग विभाग के परिसर में पार्किंग की जा सकती है। ज्ञानसू ¨सचाई विभाग कार्यालय के निकट पार्किंग की जा सकती है। इसके साथ ही जोशियाड़ा में नदी के सुरक्षा दीवार के निर्माण के पास काफी अधिक स्थान खुला है। यहां पार्किंग के साथ यात्रा सीजन का बस अड्डा, टैक्सी स्टैंड बनाने के लिए भी पर्याप्त स्थान हैं। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही रामलीला मैदान के बड़े गेट को बंद करने जा रहे हैं, जिससे रामलीला मैदान को एक मिनी स्टेडियम के रूप में बनाया जा सके। शहर के लोग उस मैदान में सुबह-शाम वाक कर सकें और बच्चों के लिए खेलने के लिए सुलभ स्थान मिल सके।

पालिकाध्यक्ष के इस ऐलान के बाद रामलीला मैदान के अस्तित्व व स्वामित्व की लड़ाई शुरू हो गई है। प्रशासन इस मामले में पीछे नहीं दिख रहा है। सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने रामलीला मैदान के स्वामित्व के दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।


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