18 वर्ष बाद शिकारू गांव पहुंचेगी देव डोली यात्रा
संवाद सूत्र, पुरोला : मोरी ब्लॉक पंचगाईं, अडोर व बड़ासु पट्टी के 22 गांव का ईष्ट देवता सोमेश्
संवाद सूत्र, पुरोला : मोरी ब्लॉक पंचगाईं, अडोर व बड़ासु पट्टी के 22 गांव का ईष्ट देवता सोमेश्वर महाराज फिताड़ी गांव से पुरोला के शिकारू गांव की यात्रा पर निकले हैं। सोमवार को यह पैदल यात्रा पुरोला पहुंची। बुधवार को यह यात्रा शिकारू गांव में पहुंचेंगी, जहां दो दिवसीय मेले का भी आयोजन है। परंपराओं के अनुसार इस यात्रा का आयोजन 18 साल बाद हो रहा है।
बीते रविवार को मोरी ब्लॉक के सुदूरवर्ती फिताड़ी गांव से सोमेश्वर देवता की यात्रा शुरू हुई थी। यात्रा का पहला पड़ाव मोरी के कोटगांव में रखा गया। जहां ग्रामीणों ने सोमेश्वर देवता की डोली के दर्शन किए। सोमवार को यह यात्रा गडूगाड पट्टी के खरसाड़ी गांव पहुंची, जहां डोभाल गांव, देवजानी, खीडमी, कुमणाई गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने ढ़ोल नगाड़ों से यात्रा का भव्य स्वागत किया। मंगलवार को यात्रा पुरोला पहुंची। पुरोला में यात्रा का भव्य रूप से स्वागत हुआ। देव डोली के दर्शन के लिए पुरोला में नगरवासियों की भीड़ उमड़ी। बाजार के निकट ही भाजपा नगर अध्यक्ष पवन नौटियाल, भूपेंद्र चौहान ने विशाल भंडारे का भी आयोजन किया। दोपहर के बाद यात्रा करडा गांव के लिए रवाना हुई, जहां यात्रा देर शाम को पहुंची। बुधवार को यह यात्रा धडोली जंगल से होकर शिकारू गांव में पहुंचेगी। जहां दो दिवसीय मेले का भी आयोजन होगा। यात्रा में शामिल बलवीर राणा ने बताया कि पुरोला कमल सिराईं पट्टी के शिकारू गांव में फिताड़ी गांव के ही तीन दर्जन परिवार सदियों से रह रहे हैं। उन्हीं की कुशलता जानने सोमेश्वर महाराज हर 18 वर्ष बाद पैदल यात्रा कर शिकारू गांव में आते हैं। फिताड़ी से शिकारू गांव की दूरी करीब 82 किलोमीटर की है। इस लिए इस यात्रा में आना जाना 164 किलोमीटर होता है।