चीनी योग साधकों को भाया गंगा का किनारा, रामलीला देख हुए अभिभूत
चीनी योग साधकों को गंगा का किनारा खूब भा रहा है। चीन के छह योग साधकों ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना की।
उत्तरकाशी, [जेएनएन]: गंगा और हिमालय को लेकर विदेशी पर्यटकों के साथ ही योग साधकों में भी काफी उत्सुकता रहती है। नतीजा वह यहां खिंचे चले आते हैं। इस कड़ी में योग-ध्यान और गंगा दर्शन के लिए पहुंचे चीन के छह योग साधकों ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना की। उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से गंगा का माहात्म्य भी जाना और भगीरथ शिला व सूर्य कुंड के भी दर्शन किए।
गुरुवार को चीन के छह योग साधकों ने गंगोत्री पहुंचकर गंगा पूजन किया। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों व प्रसिद्ध योगाचार्य पीयूष बनूनी ने उन्हें गंगा के माहात्म्य और गंगा जल के वैज्ञानिक पहलुओं से परिचित कराया। साथ ही गंगा के उद्गम गोमुख ग्लेशियर, भगीरथ शिला व सूर्य कुंड की भी जानकारी दी। 35-वर्षीय योग साधक हॉकयिली कहती हैं कि हिमालय में अद्भुत शक्ति है, जो उन्हें यहां खींच लाई। गंगा के किनारे योग-ध्यान का केंद्र ही नहीं, जीवन को सही ढंग से जीने के भी स्थान हैं। यहां का पारंपरिक खानपान और रहन-सहन के तरीके भी खास हैं। खासकर यहां गंगा की अविरल ध्वनि मन को शांत करने वाले संगीत की तरह है।
27 वर्षीय शॉगजिंग कहती हैं कि दोबारा उत्तरकाशी आना पसंद करेगी। यहां योग-ध्यान करने को चीन समेत अन्य देशों के लोगों को प्रेरित करेगी। कहती हैं, उन्हें यकीन नहीं हो पा रहा कि वह सचमुच हिमालय की गोद में हैं। योगाचार्य पीयूष ने बताया कि उत्तरकाशी के प्रति विदेशी योग साधकों का आकर्षण बढ़ रहा है। कारण, मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा यहां भागीरथी के तट योग-ध्यान की दृष्टि से सर्वथा उपयुक्त हैं।
रामलीला देख अभिभूत हुए विदेशी
चीनी योग साधकों ने गुरुवार रात उत्तरकाशी में रामलीला का मंचन भी देखा। सूर्पणखा का किरदार निभाने वाली प्रतिभा गुसाईं के अभिनय की उन्होंने जमकर सराहना की। होटल एसोसिएशन के पर्यटन सलाहकार दीपेंद्र पंवार ने उन्हें रामायण और रामलीला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। योग साधक जुगलीफेंग ने कहा कि उन्होंने रामायण के बारे में तो पढ़ा था, लेकिन रामलीला पहली बार देखी। सचमुच यह अद्भुत संस्कृति हैं। इस मौके पर धनौल्टी विधायक प्रीतम पंवार ने उन्हें सम्मानित भी किया।
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