कंट्रोल बर्निंग की आग आबादी के लिए खतरा
संवाद सूत्र, पुरोला : कंट्रोल बर्निग के नाम पर उत्तरकाशी जनपद में जंगल धू-धू कर जल रहे हैं।
संवाद सूत्र, पुरोला : कंट्रोल बर्निग के नाम पर उत्तरकाशी जनपद में जंगल धू-धू कर जल रहे हैं। कंट्रोल बर्निग की आग अपर यमुना वन प्रभाग, उत्तरकाशी वन प्रभाग व टौंस वन प्रभाग के बांज बुरांश के जंगलों तक पहुंच गई है। इस आग से न केवल जंगल खतरे में हैं, बल्कि आबादी क्षेत्र खतरे में है। रविवार को पुरोला के निकट कंट्रोल बर्निग की आग तहसील मुख्यालय के निकट पहुंची। जहां एक भवन के तीन कमरों के दरवाजे, भवन के बाहर रखे कपड़े सहित अन्य सामग्री भी जलकर रख हो गई।
उत्तरकाशी जनपद में 15 दिसंबर 2017 से वन विभाग कंट्रोल बर्निग के नाम पर जंगलों को जला रहा है। वन विभाग का तर्क है कि इस समय मौसम ठंडा रहता है। इसलिए गर्मी के समय आग भड़काने वाली जंगल की घास और खरपतवार को शीतकाल में जलाया जाना जरूरी है। जिससे गर्मी के सीजन में जंगल अधिक न जले। लेकिन, वन विभाग की यह कंट्रोल बर्निग जंगलों के लिए घातक साबित हो रही है। पिछले 15 दिनों से जनपद के निचले इलाकों में औसतन अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस रहा है। उसके बाद भी वन विभाग कंट्रोल बर्निग कर रहा है। टौंस वन प्रभाग क्षेत्र में सिकारू चंदेली, रिखनाल, हुडोली, चपटाडी, चालनी, करडा, अकरूडाडा के जंगलों में आग लगी हुई है। वहीं अपर यमुना प्रभाग में रिखनाल, भंकोली, थली, खरादी सहित आदि जंगल भी आग की चपेट है। यह आग बांज बुरांशों के जंगलों तक पहुंच रही है।
रविवार को तहसील मुख्यालय के एसडीएम आवास व गो¨वद जीव विहार कॉलोनी के जंगल में दिन के समय भीषण भड़की। आग से एसडीएम आवास के पास जंगल के बीच बने एक निजी मकान भी चपेट आया। मकान के दरवाजे, खिड़कियां जल कर राख हो गई। मकान मालिक मुकेश कुमार ने बताया कि आग से घर के बाहर रखे कपड़े, मकान की खिड़कियां व तीन दरवाजे भी जल गए। दिन की घटना होने के कारण किसी तरह समय रहते आग पर काबू पाया गया। रात की घटना होती तो बड़ा नुकसान हो सकता था। वहीं दूसरी ओर रेंज अधिकारी महेंद्र ¨सह ने बताया कि सूचना मिलने पर वन कर्मियों को आग बुझाने भेज दिया गया था। अब आग से कॉलोनियों व बस्ती को किसी तरह का खतरा नहीं है। कंट्रोल बर्निग के तहत टौंस वन प्रभाग में अभी तक 4500 हेक्टेयर जंगल जला दिए है। अभी की गई कंट्रोल बर्निग से गर्मी के सीजन में आग की घटनाएं कम होंगी।