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छात्र-छात्राओं ने बांधनी कला से रंगे कपड़े

उत्तरकाशी : रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुरीखेत में गृहविज्ञान और चित्र

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 04:38 PM (IST)
छात्र-छात्राओं ने बांधनी 
कला से रंगे कपड़े
छात्र-छात्राओं ने बांधनी कला से रंगे कपड़े

उत्तरकाशी : रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुरीखेत में गृहविज्ञान और चित्रकला विभाग की ओर से आयोजित दो दिवसीय टाई एंड डाई कार्यशाला में अंतिम दिन मास्टर ट्रेनर उत्तम रावत ने छात्र-छात्राओं को बांधनी कला की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बांधनी कला भारत में प्रचलित बांधकर अथवा गांठ लगाकर रंगाई का तरीका है। रेशमी, सूती कपड़े के धागों को रंग के कुंड में डालने से पहले मोमयुक्त धागे से कसकर बांध दिया जाता है। बाद में धागे खोले जाने पर बंधे हुए भाग रंगहीन रह जाते हैं। यह तकनीक भारत के बहुत से क्षेत्रों में प्रयोग की जाती है, लेकिन गुजरात व राजस्थान में यह बहुत लंबे समय से प्रयोग में रही है और आज भी राज्य इस तकनीक के बेहतरीन काम के लिए जाने जाते हैं। इस तकनीक के सुरक्षित नमूने 18वीं सदी से पहले के नहीं हैं, जिससे इसके प्रारंभिक इतिहास का पता लगाना मुश्किल हो गया है। कार्यशाला में महाविद्यालय के 40 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर महाविद्यालय प्राचार्य पीएस मखलोगा, गंगोत्री, प्रीति बडथ्वाल, देव्यानी ¨लगवाल, मधु बहुगुणा आदि मौजूद थे। (संस)

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