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उत्‍तराखंड में चीन सीमा को लेकर वायु सेना सतर्क, चिन्यालीसौड़ में किया अभ्‍यास, उतरे अपाचे और एमआइ-17 हेलीकाप्टर

Air Force Exercise चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से चीन सीमा की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) महज 125 किलोमीटर है। इसी को ध्‍यान में रखते हुए उत्तरकाशी जनपद के चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायुसेना लंबे समय से प्रयोग कर रही है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 01:23 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 01:23 PM (IST)
उत्‍तराखंड में चीन सीमा को लेकर वायु सेना सतर्क, चिन्यालीसौड़ में किया अभ्‍यास, उतरे अपाचे और एमआइ-17 हेलीकाप्टर
Air Force Exercise : एमआइ-17 से लैंडिंग और टेक आफ का अभ्यास किया। फाइल

संवाद सूत्र, चिन्यालीसौड़ (उत्तरकाशी) : Air Force Exercise : सामरिक दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में चीन सीमा को लेकर सेना और वायुसेना पूरी तरह से सतर्क हैं। वायु सेना ने एमआइ-17 व अपाचे हेलीकाप्टर से लैंडिंग और टेक आफ का अभ्यास किया। यह अभ्यास सोमवार को शुरू हो गया था।

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लैंडिंग और टेक आफ का अभ्यास किया

सोमवार को एक अपाचे हेलीकाप्टर चिन्यालीसौड़ आया। जबकि मंगलवार को दो अपाचे हेलीकाप्टर और दो एमआइ-17 हेलीकाप्टर आए, जहां इन्होंने लैंडिंग और टेक आफ का अभ्यास किया।

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर लंबे समय से प्रयोग कर रही वायुसेना

उत्तरकाशी जनपद के चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को लेकर वायुसेना लंबे समय से प्रयोग कर रही है। इस हवाई पट्टी से चीन सीमा की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) महज 125 किलोमीटर है। ऐसे में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी वायुसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

बुधवार व गुरुवार को भी लैंडिंग और टेक आफ का अभ्यास

चिन्यालीसौड़ में एयर बेस बनाने की भी अटकलें चल रही हैं। मंगलवार को एयर बेस सरसावा से दो अपाचे हेलीकाप्टर और दो एमआइ-17 हेलीकाप्टर चिन्यालीसौड़ आए। बुधवार व गुरुवार को भी लैंडिंग और टेक आफ का अभ्यास कार्यक्रम है।

यहां से चीन सीमा की हवाई दूरी महज 125 किमी

उत्तरकाशी से तीस किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ में हवाई पट्टी बनाई गई है। जहां वायु सेना अक्‍सर अभ्‍यास करती है। यहां से चीन सीमा की हवाई दूरी महज 125 किलो मीटर है। इस हवाई पट्टी पर वायुसेना आपरेशन गगनशक्ति के तहत भी अभ्यास कर चुकी है।

विगत 15 जुलाई को भी वायु सेना के मल्टीपरपज विमान एएन-32 ने हवाई पट्टी पर तीन बार सुरक्षित लैंडिंग और टेकआफ किया था। वायु सेना का यह विमान ग्वालियर एयर बेस से आया था। 2013 में आपदा के दौरान सीजे-हरक्यूलिस विमान इस हवाई पट्टी पर उतरा था।

2018 में वायु सेना ने यहां गगन शक्ति अभ्यास किया था। 2019 में वायु सेना के 52 सीटर मल्टीपरपज विमान और डोनियर डीओ-228 विमान ने यहां सफलतापूर्वक लैंडिग और टेकआफ किया था।


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